खेल मंत्रालय को अदालत से बड़ा झटका

राष्ट्रीय खेल संघों को मान्यता दिए जाने के मामले में खेल मंत्रालय को शुक्रवार को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने मंत्रालय के उस हलफनामे को खारिज कर दिया है, जिसमें उसकी ओर से अपील की गई थी कि खेल संघों को मान्यता दिए जाने से पहले उसे अदालत की अनुमति लेनी होगी। यही नहीं इस मामले को अदालत तक ले जाने वाले राहुल मेहरा की ओर से दाखिल किए गए हलफनामे का जवाब मंत्रालय को देने को कहा गया है। मेहरा ने अपने हलफनामे में सभी 57 खेल संघों को स्पोट्र्स कोड का पालन नहीं करने वाला बताया है। अब इस मामले की सुनवाई 21 अगस्त को रखी गई है। इसी दिन अदालत खेल संघों की 30 सितंबर तक मान्यता देने पर फैसला लेगी।
मंत्रालय ने इस साल सात फरवरी को अदालत के आदेश पर हलफनामे में कहा था कि खेल संघों को मान्यता दिए जाने का अधिकार उसका है। इसमें अदालत की अनुमति लेने की बाध्यता समाप्त की जानी चाहिए। अदालत की ओर से हलफनामा खारिज किए जाने के बाद अब मंत्रालय के पास सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन (एसएलपी) दाखिल करने का विकल्प बचा है। मंत्रालय सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल करने के लिए कानून मंत्रालय से मंजूरी हासिल कर चुका है। माना जा रहा है मंत्रालय अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकता है। दरअसल अब मंत्रालय को मेहरा की ओर से खिल हलफनामे में अयोग्य खेल संघों के बारे में स्पष्टीकरण देना होगा। जिसके आधार पर अदालत खेल संघों की मान्यता का फैसला लेगा।
