झारखंड में लॉकडाउन का 12वां दिन / रिम्स के आइसोलेशन वार्ड में कोरोना के संदिग्ध की मौत, जांच रिपोर्ट आने के बाद सौंपा जाएगा शव

झारखंड में लॉकडाउन का 12वां दिन / रिम्स के आइसोलेशन वार्ड में कोरोना के संदिग्ध की मौत, जांच रिपोर्ट आने के बाद सौंपा जाएगा शव
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रांची/धनबाद/जमशेदपुर: 21 दिन के लॉकडाउन के 12वें दिन राजधानी रांची समेत धनबाद, जमशेदपुर, पलामू, लातेहार, लोहरदगा व अन्य जिलों में सड़कों पर सन्नाटा है। सुबह सब्जी मंडियों में अन्य दिनों के मुकाबले काफी कम भीड़ जुटी। 10 बजे से पहले सारी सड़कें और बाजार में सन्नाटा पसर गया। इस दौरान पुलिस चौक-चौराहों पर तैनात रही। रविवार सुबह कुछ जगहों पर पुलिस ने बेवजह सड़कों पर वाहन और बाइक लेकर निकलने वालों का चालान भी काटा।

मुख्यमंत्री दीदी किचन की शुरुआत रविवार को की गई। इसके बारे में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर जानकारी दी।

जमशेदपुर के कई सब्जी मंडियों में सुबह रोजाना के मुकाबल कम भीड़ पहुंची। इस दौरान पुलिस-प्रशासन के लोग भी मंडियों में मौजूद रहे। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग को भी न मानने वालों की संख्या कम थी। आखिरकार करीब 10 बजे कुछ सब्जी मंडियों को बंद करा दिया गया।

लॉकडाउन के 12वें दिन रविवार को मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर बताया कि राज्य में कोई भूखा न रहे इसके लिए मुख्यमंत्री दीदी किचन की शुरूआत की गई है। उन्होंने जानकारी दी कि ये सुविधा राज्य के सभी पंचायतों में की गई है। उन्होंने अपील की कि अपने-अपने क्षेत्रों के इन केंद्रों के बारे में जरूरतमंदों को बताएं और  कहीं आपको इनके संचालन में कोई कमी दिखे तो हमें बताएं।

उधर, रिम्स के आइसोलेशन वार्ड में शुक्रवार को भर्ती कोरोना के संदिग्ध की शनिवार को मौत हो गई। डॉक्टरों का कहना है कि संदिग्ध का सैंपल लिया गया है, रिपोर्ट आने के बाद ही उसके शव को उसके परिजनों को सौंपा जाएगा। बताया जा रहा है कि संदिग्ध का शव हॉस्टिल में सेंट्रल इमरजेंसी के बाहर मिला। उधर, मृतक के परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि सही ढंग से इलाज न मिलने पर उनकी जान चली गई। अब डॉक्टर शव को पहचानने से इनकार कर रहे हैं। संदिग्ध का शव फिलहाल मॉर्चरी में रखा गया है। रिम्स प्रबंधन का कहना है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही शव परिजनों को सौंपा जाएगा।

उधर, रिम्स निदेशक डॉ. डीके सिंह ने कहा कि शनिवार सुबह करीब चार बजे संदिग्ध मरीज की तबीयत बिगड़ी। डॉक्टर उन्हें इलाज के लिए इमरजेंसी में ले गए। डॉक्टरों ने बचाने की हरसंभव कोशिश की। ऑक्सीजन देने की भी कोशिश की, लेकिन उनकी जान नहीं बच पाई। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों ने इलाज में कोई लापरवाही नहीं बरती। रिपोर्ट आने के बाद खुलासा हो पाएगा कि मौत कैसे हुई। उन्होंने कहा कि शव बाहर नहीं पड़ा था, बल्कि सेंट्रल इमरजेंसी के अंदर रखा था।

Admin

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