प्लाज्मा थेरेपी ही नहीं ये इलाज के तरीके भी आएंगे काम
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये सही जानकारी व सजगता ही मूलमंत्र है। दुनिया भर मे कोरोना से जुड़ी रिसर्च ने जोर पकड़ा है, परन्तु अभी भी इसका इलाज संभव नहींं है। वैज्ञानिक जैव प्रौद्योगिकी के माध्यम से इस वायरस को समझने का प्रयत्न कर रहे हैंं। अभी तक के प्रयासोंं से संभावित उपचार के तरीके उजागर हुए है जिन्हेंं भविष्य मेंं स्थायी इलाज के रूप मेंं देखा जा सकता है।
प्लाज्मा थेरेपी
इस तकनीक का उपयोग वायरस जनित रोगो के उपचार मे किया जाता है। इसे कान्वेलेसेन्ट प्लाज्मा थेरेपी भी कहा जाता है। कोविड 19 मरीज के रक्त मे स्वस्थ होने के उपरान्त शरीर द्वारा निर्मित एन्टीबाडीज रहते हैंं। इस तकनीक में कोविड-19 से स्वथ्य हुए मरीज के प्लाज्मा का नए मरीज मे इन्फ्युजन किया जाता है। ये एन्टीबाडीज मालीक्युलस वायरस से लड़ने मेंं शरीर की मदद करते है। आइ.सी.एम.आर के दिशा र्निदेशोंं के अनुसार प्लाज्मा थेरेपी अभी एक प्रयोगात्मक प्रक्रिया है और इसके क्लीनिकल ट्रायल के बाद ही इसके उपयोगिता के बारे मे कुछ कहा जा सकेगा।
वैक्सीन / टीका