कोविड-19 की उत्पत्ति के पीछे चमगादड़ और पैंगोलिन का हाथ
सार्स-सीओवी-2 को लेकर किए गए एक नए अध्ययन में पता चला है कि जिस वायरस के कारण कोविड-19 सामने आया है, वह चमगादड़ और पैंगोलिन में कोरोना वायरस के पुनर्संयोजन से उत्पन्न हुआ है। इस निष्कर्ष से इस सिद्धांत को मजबूती मिलती है कि पैंगोलिन से ही मनुष्यों में सार्स-सीओवी-2 का संचरण हुआ है।
कॉलेज ऑफ वेटरनरी मेडिसिन, साउथ चाइना एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा जर्नल नेचर में प्रकाशित पेपर में यह भी कहा गया है कि पैंगोलिन की दुनिया में सबसे ज्यादा अवैध तस्करी होती है। इस कारण अगर वन्य जीव व्यापार को नियंत्रित नहीं किया जाता है तो यह भविष्य में लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा हो सकता है क्योंकि यह सार्स-सीओवी-2 जैसे वायरस को फैलाने में सक्षम है।
चीनी वैज्ञानिकों की एक टीम द्वारा मलायन पैंगोलिन से निकाले गए कोरोना वायरस से पता चला कि इसके अमीनो एसिड में सार्स-सीओवी-2 के चार जीन हैं, जो 100%, 98.6%, 97.8% और 90.7% तक सही बैठते हैं।
मलायन पैंगोलिन का कोरोना वायरस विशेष रूप से सार्स-सीओवी-2 के समान पाया गया। जीनोम अनुक्रमण में पाया गया कि पैंगोलिन-सीओवी, सार्स-सीओवी-2 (कोविड-19) और चमगादड़ के सार्स-सीओवी आरएटीजी13 दोनों एक-दूसरे के समान थे। लेकिन इसमें केवल एक अंतर स्पाइक या एस जीन था।
एस जीन अनुक्रमों के आगे के विश्लेषण ने आठ मई को पुनर्संयोजन की घटनाओं के बारे में बताया। इस अध्ययन के लिए, टीम ने मार्च-अगस्त 2019 के दौरान एक वन्यजीव बचाव केंद्र में चार चीनी पैंगोलिन और 25 मलायन पैंगोलिन से फेफड़े के ऊतकों का इस्तेमाल किया।
इसमें पाया गया कि 25 में से 17 मलायन पैंगोलिन के आरएनए सार्स-सीओवी-2 जैसे वायरसों की तरह पॉजिटिव पाए गए। इनमें धीरे-धीरे सांस की बीमारी के लक्षण दिखाए देना शुरू हुआ, जिसमें सांस की तकलीफ, दुर्बलता और निष्क्रियता शामिल थी। इन 17 पैंगोलिनों में से 14 की बाद में मौत हो गई।
बता दें कि, दुनिया वैश्विक महामारी कोरोना के कहर से लगातार जूझ रही है। इस वायरस से मरने वालों की संख्या दो लाख 83 हजार से ज्यादा हो गई है और संक्रमितों की संख्या 41 लाख 80 हजार को पार कर गई है।
जबकि 14 लाख 90 हजार से ज्यादा लोगों ने कोरोना को मात दी है। दुनिया में सबसे ज्यादा प्रभावित देश अमेरिका में मृतकों की संख्या 80 हजार को पार कर गई है और 13 लाख 67 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं।