EPF अंशदान में सरकार ने की कटौती
कोविड-19 संकट में नौकरी पेशा तक अधिक नगदी पहुंचाने के लिए सरकार ने तीन महीने तक ईपीएफ अंशदान में दो-दो फीसदी की कटौती की घोषणा की है। इसमें दो फीसदी कटौती नियोक्ता और इतनी ही कटौती कर्मचारी की ओर से होगी। इस तरह ईपीएफ अंशदान में 24 फीसदी से घटकर 20 फीसदी रह जाएगा।
हालांकि सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों को बड़े वेतन का लाभ मिलेगा। लेकिन इसके एवज में उन्हें दोहरा झटका लग सकता है। ईपीएफ अंशदान में कटौती से लंबी अवधि में न सिर्फ उनका रिटायरमेंट फंड प्रभावित होगा बल्कि बढ़े वेतन पर कर देनदारी भी बढ़ जाएगी।
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अधिक कर देनदारी से बचने के लिए उन्हें निवेश के अन्य विकल्प तलाशने पड़ सकते हैं। सरकार का यह फैसला केंद्रीय कर्मचारियों पर लागू नहीं है।
तीन महीने तक मिलेगा बढ़ा वेतन
इस फैसले से कर्मचारियों को तीन महीने तक वेतन के रूप में पहले से ज्यादा राशि मिलेगी। मान लीजिए बेसिक वेतन व महंगाई भत्ता मिलाकर आप का मासिक वेतन 50,000 रुपये है। अब नई घोषणा के बाद यह वेतन हर महीने 1,000 रुपये बढ़कर 51,000 रुपये जाएगा, जो आपके बेसिक वेतन व महंगाई भत्ते का दो फीसदी होगा।