बलबीर सिंह का ओलंपिक ब्लेजर और मेडल हो चुके गुम
ओलंपिक कप्तान का अपना ब्लेजर और मेडल को दोबारा देखने का सपना दिल में लिए बलबीर सिंह सीनियर दुनिया से विदा हो गए। जीते जी उनकी तमन्ना थी कि कम से कम एक बार तो वह अपने ब्लेजर को हाथों में लेकर मेडलों को चूम सकें। लेकिन जीते जी उनकी यह हसरत पूरी नहीं हो सकी। बलबीर सिंह के परिवार वालों को इस बात का मलाल है कि खुद बलबीर सिंह को कई साल तक अपनी खोई चीजों को पाने के लिए दिल्ली के चक्कर काटने पड़े।
तीन बार ओलंपिक स्वर्ण पदक जीत चुके पूर्व हॉकी धुरंधर बलबीर सीनियर ने 1985 में खेल संग्रहालय के लिए स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) को हॉकी की अपनी धरोहरें दी थीं। इनमें 36 पदक, 120 ऐतिहासिक तस्वीरें और 1956 मेलबर्न ओलंपिक का उनका कप्तान का ब्लेजर भी शामिल रहा।
2018 में सेक्टर- 36 चंडीगढ़ में अपनी बेटी के निवास पर उन्होंने अमर उजाला से खास बातचीत में उम्मीद जताई थी कि एक न एक दिन ये मेडल मिल जाएंगे और वह दोबारा से देश को समर्पित कर देंगे। अपनी पीड़ा बयां करते हुए उन्होंने कहा था, ‘जब भी खोये हुए मेडल के बारे में सोचता हूं तो दिल दुखता है। ऐसा लगता है जैसे कोई अपना दुनिया से चला गया हो।
मैंने तो ये सोच कर मेडल दिए थे कि ये देश के युवाओं को हॉकी खेलने के लिए प्रेरित करेंगे। अब परमात्मा जाने वो कहां गए। पर यकीन है कि मेरा देश मुझे इनको ढूंढ लेगा और मेरी उम्मीद को टूटने नहीं देगा।’ बलबीर सिंह सीनियर को बचपन से ही हॉकी से बेहद प्यार रहा। वे कहते थे हॉकी मेरे लिए सबकुछ है। इस खेल को भगवान की तरह पूजते थे।