पिता ने थमाई थी हॉकी, जुनून ने बनाया दुनिया का सितारा
प्रिंसिपल साहब… हॉकी मैच का फैसला 90 मिनट में होता है। 90 मिनट में फैसला नहीं हुआ तो टाई ब्रेकर, और टाई ब्रेकर में भी चुके तो… गोल्डन गोल, यानी खेलते जाओ… और खेलते जाओ, जैसे ही गोल्डन गोल हुआ तो खेल खत्म हुआ। अब मेरे जीवन का भी गोल्डन गोल पीरियड ही चल रहा है। पता नहीं कब गोल्डन गोल हो जाए और खेल खत्म हो जाए। करीब 96 वर्ष की उम्र में पिछले दिनों हॉकी ओलंपियन बलबीर सिंह सीनियर के साथ बातचीत के दौरान उनकी ओर से कहे गए यह शब्द स्पोर्ट्स एक्सपर्ट प्रिंसिपल सरवन सिंह नहीं भूले।