बलबीर सिंह के नाम पर होगा मोहाली स्टेडियम का नाम, कैप्टन बोले- ‘लीजेंड’ को मिले भारत रत्न
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने महान हॉकी खिलाड़ी पद्मश्री बलबीर सिंह सीनियर (97) के देहांत पर गहरा दुख प्रकट किया है। हॉकी के इस महान खिलाड़ी के परिवार में उनके तीन पुत्र और एक बेटी हैं।
अपने शोक संदेश में मुख्यमंत्री ने सीनियर द्वारा दिए गए योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि भारतीय खेल जगत उनकी इस देन को भुला नहीं सकता। वह भारतीय हॉकी के सबसे बड़े खिलाड़ी और प्रशिक्षक के तौर पर जाने जाते हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ओलंपिक तक देश का नाम रोशन किया। पंजाब के खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी ने बताया कि कैप्टन ने बलबीर सिंह सीनियर को भारत रत्न का सम्मान दिए जाने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। वहीं मोहाली स्टेडियम का नाम बलबीर सिंह सीनियर के नाम पर रखने की घोषणा भी की।
कैप्टन ने अपने संदेश में कहा कि बलबीर सिंह सीनियर ने बतौर खिलाड़ी तीन बार ओलंपिक खेल में स्वर्ण पदक जीते और बतौर प्रशिक्षक भारत को 1975 में विश्व कप जिताया है। इस महान खिलाड़ी के चले जाने से भारतीय खेल खासकर हॉकी को न पूरा होने वाला घाटा हुआ है। मुख्यमंत्री ने उनके परिवार, सगे संबंधियों और लाखों खेल प्रेमियों के साथ दुख साझा करते हुए दिवंगत आत्मा की आत्मिक शांति के लिए प्रार्थना की और पीछे परिवार और स्नेहियों को ईश्वरीय आदेश मानने का बल प्रदान करने की प्रार्थना की।
बलबीर सिंह सीनियर ने 1948 में लंदन, 1952 में हैलसिंकी और 1956 में मेलबर्न में ओलंपिक खेल में स्वर्ण पदक जीते थे। 1952 के ओलंपिक खेल के फाइनल में बलबीर सिंह के पांच गोल करने का विश्व रिकॉर्ड अभी तक नहीं टूटा। 1956 में वह भारतीय हॉकी टीम के कप्तान और भारतीय खेल दल के झंडाबरदार थे। 1975 में उन्होंने अपनी कोचिंग अधीन भारत को एकमात्र विश्व कप जिताया था। बलबीर सिंह सीनियर को भारत सरकार ने पद्मश्री और पंजाब सरकार ने महाराजा रणजीत सिंह अवॉर्ड से सम्मानित किया।