यहां बैंक में पैसे जमा करने पर लग सकता है चार्ज
कोरोना वायरस से वैश्विक अर्थव्यवस्था संकट का सामना कर रही है। कई बैंक ग्राहकों को जमा पर कम ब्याज दे रहे हैं। इस बीच एक रिपोर्ट के मुताबिक, बैंक ऑफ इंग्लैंड जमा पर ब्याज देने की बजाय जमाकर्ताओं से ब्याज ले सकता है।
इस संदर्भ में ब्रिटेन के सेंट्रल बैंक ने इशारा किया है कि वह जमा पर ब्याज दर शून्य कर सकता है। मालूम हो कि 2008 में यह बैंक जमा पर पांच फीसदी ब्याज देता था, जो अब घटकर 0.10 फीसदी हो गई है। विशेषज्ञों के मुताबिक निगेटिव इन्टरेस्ट रेट से बैंकों की कमाई प्रभावित होती है।
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन के सेंट्रल बैंक ने इस तरह का इशारा किया है कि वह जमा पर ब्याज दर शून्य कर सकता है। कोरोना संकट से प्रभावित अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिए दुनिया की तमाम सरकारें उपाय कर रही है। इसी के मद्देनजर यह कदम उटाया जा सकता है।
बैंक का मानना है कि जमा पर ब्याज लेने से लोग बैंक में पैसा जमा करना कम करेंगे और खर्च करेंगे। इससे बाजार में मांग बढ़ेगी। बैंक ऑफ इंग्लैंड ने पिछले 10 सालों से काफी आक्रामक तरीके से जमा पर ब्याज दर कम की है। साल 2008 में बैंक ऑफ इंग्लैंड का जमा पर ब्याज दर पांच फीसदी से ज्यादा थी। 2008 की मंदी के बाद सेंट्रल बैंक ने तेजी से ब्याज दरें घटाई। अब इस सेंट्रल बैंक की ब्याज दर 0.10 फीसदी है। यानी लगभग ना के बराबर।
इससे सीधे सीधे बैंकों की कमाई प्रभावित होगी। साथ ही जमा कम होने से बैंकों को कर्ज देने में नकदी की समस्या का सामना करना पड़ता है।