कैडर अफसर को बीएसएफ का डीजी बनाने की मांग
कॉन्फेडरेशन ऑफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स वैलफेयर एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि बीएसएफ महानिदेशक (डीजी) के पद पर सीनियर कैडर अफसर को नियुक्त किया जाए। यह पद पिछले ढाई माह से खाली पड़ा है।
इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगते बॉर्डर की सुरक्षा करने वाले इस बल को स्थायी डीजी नहीं मिल सका है। एसोसिएशन के महासचिव रणबीर सिंह का कहना है कि पूर्व डीजी वीके जौहरी 11 मार्च को अपने मूल कैडर मध्यप्रदेश वापस चले गए थे।
तभी से 2.5 लाख की संख्या वाला यह बल बिना स्थायी डीजी के काम कर रहा है। आईटीबीपी के डीजी एसएस देसवाल को बीएसएफ का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
एसोसिएशन के महासचिव रणबीर सिंह कहते हैं कि इतने लंबे समय तक फोर्स को प्रमुख विहीन रखना कोई स्वस्थ परंपरा नहीं है। डीजी पद पर नियुक्ति में देरी के चलते बल को कई महत्वपूर्ण नीतिगत फैसले लेने में देरी हो रही है।
सब जानते हैं कि सरहद पर पड़ोसी देश के इरादे संदेहास्पद हैं। बीएसएफ देश का अकेला ऐसा बल है, जिसके पास एयर, मरीन एवं आर्टिलरी विंग हैं।
यह बल पाकिस्तान, बांग्लादेश से सटी हजारों किलोमीटर की अति संवेदनशील सरहदों सुरक्षा कर रहा है।
एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष वीएस कदम ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी, कैबिनेट नियुक्ति समिति के चेयरमैन हैं, वे इस मामले में दखल दे सकते हैं। किसी कॉडर अधिकारी को बीएसएफ की कमान सौंप सकते हैं।
बीएसएफ डीजी पद पर उसी अधिकारी को नियुक्त किया जाए, जो कंपनी से लेकर बटालियन स्तर पर काम कर चुका हो।
वहीं वह अफसर कच्छ का रण क्षेत्र, सुंदरबन बांग्लादेश बार्डर से लेकर 55 डिग्री तपते रेगिस्तान वाले राजस्थान की बाड़मेर-जैसलमेर की सीमा पर ड्यूटी कर चुका हो।
साथ ही, चमिलयांग-रामगढ़ सेक्टर या अन्य दूरदराज के सरहदी बंकरों में जवानों के साथ बॉर्डर की पहरेदारी की हो।
उन्होंने सवाल किया कि जब केंद्र सरकार अर्धसैनिक बलों की सीपीसी कैंटीन में स्वदेशी उत्पादों के इस्तेमाल की शुरुआत कर सकती है तो फिर कैर अफसर को डीजी क्यों नहीं बना सकती।
केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में आईपीएस के आने की एक परंपरा सी बन गई है। दशकों से आईपीएस ही बल की कमान संभाल रहे हैं। अब कैडर अफसरों को बल का नेतृत्व सौंपना चाहिए।
2004 में जब केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की पुरानी पेंशन व्यवस्था को बंद किया गया, तो किसी आईपीएस डीजी ने विरोध नहीं किया।
पूर्व अर्धसैनिक बलों की एसोसिएशन का पीएम मोदी से अनुरोध है कि वे किसी कैडर अफसर को ही बीएसएफ का महानिदेशक बनाएं।