इन पांच महत्वपूर्ण नियमों का नहीं रखा ध्यान, तो होगा आर्थिक नुकसान
इस महीने से देश में कई ऐसे आर्थिक बदलाव हुए हैं जो आपके लिए जानना बेहद जरूरी है। इन बदलावों का आपकी जिंदगी पर सीधा असर पड़ेगा। जुर्माने से बचने के लिए इन नियमों का आपको खास ध्यान रखना होगा। पड़ेगा। इन नए नियमों से जहां एक ओर आपको राहत मिलेगी, वहीं अगर आपने कुछ बातों का ध्यान नहीं रखा तो आपको आर्थिक नुकसान भी हो सकता है।
ATM से पैसे निकालने पर लगेगा चार्ज
कोरोना वायरस महामारी की वजह से वित्त मंत्रालय ने छूट दी थी कि 30 जून तक किसी भी बैंक के डेबिट या एटीएम कार्ड से किसी अन्य बैंक के एटीएम से नकदी निकालने पर चार्ज नहीं लगेगा। बता दें कि सामान्य तौर पर दूसरे बैंक के एटीएम से एक निश्चित संख्या तक ही पैसे निकाले जा सकते हैं, उसके बाद निकासी पर चार्ज लगता है। लेकिन एक जुलाई 2020 से एटीएम से पैसा निकालने के इस नियम में बदलाव हो गया है। एटीएम से पैसा निकालने के लिए सभी ट्रांजेक्शन चार्ज फिर से लागू होंगे। मेट्रो शहर में हर महीने आठ और गैर मेट्रो शहरों में 10 बार से ज्यादा पैसे निकालने पर शुल्क देना होगा।
खाते में न्यूनतम बैलेंस जरूरी
एक जुलाई से बचत खाते में मिनिमम बैलेंस में छूट का नियम खत्म हो गया है। अगर खातों में न्यूनतम बैलेंस नहीं रहता है, तो बैंक इसपर पेनाल्टी वसूल सकेगा। अभी मेट्रो सिटी, शहरी, अर्ध शहरी और ग्रामीण इलाकों के हिसाब से अलग-अलग बैंकों में बचत खाते में मिनिमम बैलेंस रखने की लिमिट अलग-अलग है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के खातों पर मेट्रो शहरों में 3,000, अर्ध-शहरी क्षेत्र में 2,000 और ग्रामीण क्षेत्र में 1,000 रुपये मिनिमम बैलेंस जरूरी है। वहीं एचडीएफसी बैंक में यह राशि क्रमश: 10 हजार, 5 हजार और 2.5 हजार है।
अटल पेंशन योजना में बड़ा बदलाव
अगर आप अटल पेंशन खाताधारक हैं तो आपके लिए ये जानना बहुत जरूरी है कि एक जुलाई से सरकार ने अटल पेंशल योजना में क्या बदलाव करने का एलान किया है। एक जुलाई से अटल पेंशन योजना के खातों में से मासिक योगदान का ऑटो डेबिट होना शुरू हो गया है।
पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ने बैंकों को अटल पेंशन योजना के ऑटो डेबिट को 30 जून तक रोकने का निर्देश दिया था। जिसके आधार पर अब एक जुलाई से ऑटो डेबिट सुविधा एक बार फिर शुरू हो गई है। दरअसल अप्रैल में पीएफआरडीए ने कोरोना वायरस को देखते हुए ये फैसला लिया था| इस स्कीम के तहत ज्यादातर सब्सक्राइबर्स समाज के निचले तबके के हैं और कोरोना के बीच लॉकडाउन की वजह से ये लोग ज्यादा संकट का सामना कर रहे हैं। पीएफआरडीए के हाल ही के नोटिफिकेशन में कहा गया है कि जुर्माने का ब्याज उस स्थिति में नहीं लगेगा, जब सब्सक्राइबर की पेंशन स्कीम अकाउंट को 30 सितंबर 2020 से पहले नियमित किया जाता है।
सामान्य तौर पर बैंकों की ओर से योगदान में देरी होने पर जुर्माना इकट्ठा किया जाता है। अटल पेंशन स्कीम के आधिकारिक बेवसाइट के अनुसार इसमें 100 रुपये प्रति महीने तक पर एक रुपये प्रति महीने का चार्ज है। इसके अलावा 101 रुपये और 500 रुपये के बीच पर दो रुपये प्रति महीना है। 501 रुपये और 1000 रुपये के बीच योगदान होने पर पांच रुपये प्रति महीने का जुर्माना है। 1,001 रुपये को पार करने पर दस रुपये प्रति महीने का जुर्माना लगेगा।
म्यूचुअल फंड की खरीद पर लगेगी स्टांप ड्यूटी
इस महीने से म्यूचुअल फंड खरीदने पर निवेशकों को उस पर स्टांप ड्यूटी भी देनी होगी। चाहे आप सिस्टेमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) और सिस्टेमेटिक ट्रांसफर प्लान (एसटीपी) के जरिए भी म्यूचुअल फंड में पैसा लगा रहे हो, तब भी आपको स्टांप ड्यूटी देनी होगी। हालांकि म्यूचुअल फंड की निकासी पर निवेशकों को स्टांप ड्यूटी नहीं देनी होगी। यह स्टांप ड्यूटी डेट और इक्विटी सभी तरह के म्यूचुअल फंड पर लगेगी। स्टांप ड्यूटी लगने का असर सबसे ज्यादा डेट फंड पर देखने को मिलेगा। म्यूचुअल फंड की खरीद पर 0.005 फीसदी की दर से स्टांप ड्यूटी लगेगी। इसके अलावा म्यूचुअल फंड की यूनिट्स को डीमैट अकाउंट से ट्रांसफर करने पर 0.015 फीसदी की स्टांप ड्यूटी लगेगी। स्टांप ड्यूटी के लगने से 90 दिन और इससे कम अवधि वाले होल्डिंग पर ज्यादा असर पड़ेगा।
डिविडेंड रिइंवेस्टमेंट के लिए स्टांप ड्यूटी डिविडेंड की राशि पर टीडीएस घटाने के बाद लगेगी। डिविडेंड खरीदने पर स्टांप ड्यूटी खरीद की राशि पर लगेगी जो ट्रांसफर चार्ज से कम होगी। उदाहरण के लिए समझें कि मान लीजिए आपने एक लाख रुपये की राशि की खरीद की है और उस पर 100 रुपये ट्रांजेक्शन चार्ज लगा तो शुद्ध खरीद की लागत हो गई 1,00,100 रुपये लेकिन स्टांप ड्यूटी सिर्फ खरीद की राशि यानि कि एक लाख रुपये पर लगेगी 1,00,100 पर नहीं और 0.005 की दर से इसका खर्च पांच रुपये होगा।
किसान सम्मान निधि में पंजीकरण
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत मोदी सरकार की तरफ से हर साल किसानों को 2000 रुपये की तीन किस्तों में 6000 रुपये दिए जाते हैं। अब तक पांच किस्तें किसानों को भेजी जा चुकी हैं। योजना में 30 जून तक पंजीकरण करा सकते थे। अगर 30 जून तक ओवदन कर दिया गया है और उनका आवेदन स्वीकार हो जाता है तो जुलाई में आपको 2000 रुपये मिलेंगे और साथ में अगस्त में भी आपको दूसरी किस्त के रूप में 2000 रुपये और मिल जाएंगे।