सांस और आवाज से कोरोना जांच की तैयारी
नॉन इन्वेसिव कोविड टेस्टिंग प्रणाली के तहत राजधानी के चार बड़े अस्पतालों से 10,022 लोगों के नमूने लिए गए हैं। एक महीने में इनका शोध करके नतीजे जारी किए जाएंगे। यदि यह सफल रहा तो आने वाले समय में सांस और व्यक्ति की आवाज के माध्यम से ही 30 सेकेंड में कोरोना जांच की जा सकेगी।
इजराइल में विकसित की गई इस तकनीक पर दिल्ली के आरएमएल, एलएनजेपी, सर गंगाराम और लेडी हार्डिंग अस्पताल में शोध चल रहा है। इसमें पता लगाया जा रहा है कि कोरोना की जांच में यह कितना सटीक है। जिन 10 हजार लोगों के नमूने लिए गए हैं उनकी तीन प्रकार से जांच के अलावा आरटी-पीसीआर तरीके से भी जांच की गई है। अगले एक महीने में इसके नतीजे आ जाएंगे। फिर यह देखा जाएगा कि इनके परिणाम कितने सही हैं। यदि भारत में यह तकनीक सही साबित हुई तो महज 30 सेकेंड में कोरोना की जांच की जा सकेगी।
आरएमएल अस्पताल में इस कार्यक्रम के नोडल अधिकारी और प्रमुख शोधकर्ता डॉक्टर देशदीपक बताते हैं कि यह तकनीक इजराइल में विकसित की गई है। भारत और इजराइल साथ मिलकर इस प्रणाली पर काम कर रहे हैं। चारों अस्पतालों से मिलाकर 10,022 लोगों के नमूने लिए गए हैं। भारत जैसे बड़े देश में अगर कोविड की जांच की यह प्रणाली कारगर साबित हो जाती है तो काफी अच्छा रहेगा। वैक्सीन आने तक जल्द से जल्द लोगों की जांच करने में सहायता मिलेगी।