प्रशांत भूषण को राहत नहीं : सुप्रीम कोर्ट
वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण और पत्रकार तरुण तेजपाल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के 11 साल पुराने मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान भूषण ने अपना स्पष्टीकरण पेश किया लेकिन अदालत ने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया।न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति बी आर गवई और कृष्ण मुरारी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह मामले को सुनेगा और यह देखेगा कि न्यायाधीशों के बारे में भ्रष्टाचार पर टिप्पणी असल में अवमानना है या नहीं। पीठ ने इस मामले में अगली सुनवाई 17 अगस्त को तय की है।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट को आज यह तय करना था कि अवमानना मामले में वह वरिष्ठ वकील के स्पष्टीकरण को स्वीकार करे या इस कार्रवाई को आगे बढ़ाए। शीर्ष अदालत ने नवंबर 2009 में एक तहलका पत्रिका के साक्षात्कार में शीर्ष अदालत के कुछ मौजूदा एवं पूर्व न्यायाधीशों पर कथित तौर पर आक्षेप लगाने के लिए भूषण और तेजपाल को अवमानना नोटिस जारी किया था। तरुण तेजपाल उस समय तहलका पत्रिका के संपादक थे।भूषण ने इस संबंध में शीर्ष अदालत में अपना स्पष्टीकरण पेश किया है जबकि तहलका के संपादक तरुण तेजपाल ने माफी मांगी है। अदालत ने कहा कि वह इस मामले में विचार करेगा कि न्यायाधीशों के बारे में भ्रष्टाचार की टिप्पणी असल में अवमानना है या नहीं।