कोरोना : गणेश चतुर्थी पर बुरा असर
महाराष्ट्र में हर साल बेहद धूमधाम से मनाया जाने वाला पर्व है गणेश चतुर्थी। यह एक ऐसा पर्व है, जिसे हर धर्म और समुदाय का इंसान मनाता है, महाराष्ट्र में इस दिन को बहुत खास माना जाता है और महीनों पहले से ही इसकी तैयारियां शुरू कर दी जाती है, लेकिन ये साल बाकी सालों की तरह सामान्य नहीं है।
साल 2020 ऐसे ऐतिहासिक साल की गिनती में गिना जाएगा, जिसमें हर बड़ा त्यौहार इंसानों को घरों के अंदर रहकर मनाना पड़ रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस साल में एक महामारी फैली जो लोगों के संपर्क में आने पर फैलती ही जा रही है, उस महामारी का नाम है कोरोना वायरस।कोरोना वायरस की वजह से दुनिया के कई देशों को लॉकडाउन में रहना पड़ा। भारत में 25 मार्च से संपूर्ण लॉकडाउन लगा था और मई में इस लॉकडाउन में थोड़ी राहत मिलने लगी। इस बीच ईद, रक्षाबंधन, हरियाली तीज जैसे त्यौहार निकल गए, जिसे लोगों को घरों में रहकर मनाना पड़ा।अब महाराष्ट्र का सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण पर्व गणेशोत्सव आने वाला है लेकिन मुंबई और महाराष्ट्र में कोविड-19 के सबसे ज्यादा केस होने की वजह से इस साल गणेश उत्सव सीमित संख्या में मनाने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसा पहली बार होगा कि भगवान गणेश की बड़ी-बड़ी मूर्ति मुंबई की सड़कों पर नहीं दिखाई देंगी।
कोरोना ने लोगों को मानसिक, शारीरिक और वित्तीय तौर पर काफी सताया है। महाराष्ट्र के पुणे में गणेश की मूर्ति बनाने वाले लोगों का कहना है कि कोविड-19 की वजह से उनका व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इस बार गणेश चतुर्थी के लिए उनके पास गणेश भगवान की मूर्ति के लिए कोई ऑर्डर नहीं आया है।लोगों का कहना है कि इस समय हमारे पास कोई बुकिंग नहीं है, हमारी आय इस त्यौहार या पर्व पर सबसे ज्यादा निर्भर होती है और अब तक एक भी बुकिंग ना होने पर काफी परेशानी सामने आ सकती है। कोरोना की वजह से लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं।