एनपीएस में थोड़े जोखिम से बना सकते हैं ज्यादा पैसे

एनपीएस में थोड़े जोखिम से बना सकते हैं ज्यादा पैसे
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सेवानिवृत्ति के बाद की चिंता हर नौकरीपेशा को रहती है। इसके लिए वह अलग-अलग विकल्पों में निवेश करता है। एनपीएस इस दिशा में सबसे कारगर विकल्प माना जाता है, लेकिन यहां भी जोखिम और सुरक्षित निवेश के दो रास्ते होते हैं। अपनी उम्र और जोखिम उठाने की क्षमता के आधार पर आप थोड़े निवेश से किस तरह भविष्य के लिए बड़ी पूंजी बना सकते हैं, पढ़ें प्रमोद तिवारी की रिपोर्ट…

वित्तीय समझ है तो खुद बनाएं पोर्टफोलियो
बीपीएन फिनकैप के निदेशक एके निगम का कहना है कि नेशनल पेंशन सिस्टम यानी एनपीएस सेवानिवृत्ति के बाद न सिर्फ एकमुश्त मोटी रकम दिलाता है, बल्कि हर महीने वेतन की तरह खर्च के लिए राशि भी देता है। यहां निवेश की गई राशि शेयर बाजार, सरकारी प्रतिभूतियों, कॉरपोरेट डेट फंड और रियल एस्टेट, कमोडिटी, हेज डेरिवेटिव जैसे अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड (एआईएफ) में लगाई जाती है। अगर आप वित्तीय मामलों की समझ रखते हैं, तो अपने एनपीएस का पोर्टफोलियो खुद बनाएं। एनपीएस खाता खोलते समय ही आपको इसका विकल्प भरना पड़ता है। ऐसे खाताधारकों को एक्टिव च्वॉइस कहते हैं, जो विभिन्न निवेश विकल्पों में अपनी राशि खुद निर्धारित करते हैं। इतना ही नहीं, आप फंड मैनेजर का चुनाव भी खुद कर सकते हैं। चूंकि, आप अपनी जोखिम क्षमता को बेहतर तरीके से जानते हैं, इसलिए सही जगह पैसे लगाकर कम निवेश में भी बड़ा रिटर्न पा सकते हैं।

ऑटो च्वॉइस: फंड मैनेजर तय करेंगे- कहां लगाएं पैसे
एनपीएस खाताधारक अगर खुद पोर्टफोलियो बनाने की मुश्किलों से बचना चाहते हैं, तो ऑटो च्वाइस विकल्प का चुनाव करें। ऐसे खाताधारकों की राशि फंड मैनेजर उनकी उम्र के हिसाब से पोर्टफोलियो बनाकर निवेश करते हैं। अगर उम्र कम है, तो ज्यादातर राशि कॉरपोरेट डेट फंड और शेयर बाजार में लगाई जाएगी, लेकिन उम्र बढ़ने के साथ पोर्टफोलियो में ज्यादा हिस्सेदारी सरकारी प्रतिभूतियों व अन्य सुरक्षित विकल्पों में होगी। हालंकि, फंड मैनेजर को सिर्फ आपकी उम्र की सही जानकारी होती है। वह आपकी वित्तीय मजबूती या जोखिम उठाने की क्षमता का आकलन नहीं कर पाता। लिहाजा ऑटो च्वॉइस के जरिए एनपीएस में मनचाहा रिटर्न पाना मुश्किल होता है।

तीन आधार पर बनाते हैं पोर्टफोलियो
आक्रामक निवेश : 35 साल की उम्र तक 75 फीसदी पैसा इक्विटी व कॉरपोरेट बॉन्ड में लगाते हैं।
उदारवादी निवेश : 50 फीसदी राशि इक्विटी और शेष सरकारी प्रतिभूतियों व एआईएफ में जाती है।
सीमित निवेश : 25 फीसदी राशि इक्विटी व शेष सरकारी प्रतिभूतियों, बैंक एफडी जैसे सुरक्षित विकल्पों में।

18 लाख निवेश पर 94 लाख का ब्याज
आप 30 साल की उम्र में एनपीएस खाता खोलते हैं और सेवानिवृत्ति (60 साल) तक 5 हजार रुपये हर महीने निवेश करते हैं, तो 30 साल में एनपीएस के तहत कुल निवेश की गई रकम 18 लाख रुपये होगी। इस पर सालाना 10 फीसदी का औसत ब्याज लगाया जाए, तो कुल फंड 1 करोड़ 11 लाख 98 हजार 471 रुपये होगा। यानी आपने 93 लाख 98 हजार 471 रुपये ब्याज के रुपये में अर्जित किए। इसके अलावा 5.40 लाख रुपये की बचत टैक्स के रूप में भी होगी। इसे भी रिटर्न में जोड़ें तो करीब 1 करोड़ का फायदा होगा।

सालाना 2 लाख रुपये तक कर मुक्त निवेश
एनपीएस में कर मुक्त निवेश के भी दो विकल्प मिलते हैं। पहला आप आयकर की धारा 80सी के तहत मिलने वाली 1.5 लाख की पूरी रकम यहां लगा सकते हैं। दूसरा, 80 सीसीडी (1बी) के तहत 50 हजार का अतिरिक्त निवेश एनपीएस में किया जा सकता है, जो कर मुक्त होगा। 60 साल के बाद इससे मिलने वाले रिटर्न पर भी कोई टैक्स नहीं लगता है। हालांकि, अगर आप बीच में ही खाता बंद कराते हैं, तो निकासी पर आयकर स्लैब के हिसाब से टैक्स देना होगा।

40 फीसदी की एन्युटी खरीदना जरूरी
सेवानिवृत्ति पर एनपीएस फंड से 60 फीसदी राशि एकमुश्त ले सकते हैं, लेकिन कम से कम 40 फीसदी राशि की एन्युटी खरीदना जरूरी होगा। इसी राशि के ब्याज से हर महीने पेंशन मिलती है। आप चाहें तो एन्युटी की पूरी राशि भी बाद में निकाल सकते हैं। पेंशन धारक की मृत्यु होने पर यह राशि नॉमिनी को मिल जाती है।
-संदीप जैन, निदेशक, ट्रेडस्विफ्ट

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