उमर खालिद और अनिर्बान की भी हुई जासूसी
अंतरराष्ट्रीय मीडिया कंसोर्टियम की रिपोर्ट में मंगलवार को खुलासा हुआ कि जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य, बंज्योत्सना लाहिड़ी और कई प्रमुख भारतीय कार्यकर्ताओं के नाम इस्राइली जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस की निगरानी सूची में थे, जिनसे जुडे़ फोन नंबरों की जासूसी कराई जा रही थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, इस सूची में आंबेडकर कार्यकर्ता अशोक भारती, नक्सल प्रभाव वाले इलाकों में जीवन गुजारने वाली बेला भाटिया, रेलवे यूनियन नेता शिव गोपाल मिश्रा और दिल्ली के मजदूर अधिकार कार्यकर्ता अंजनी कुमार भी शामिल थे।
मीडिया समूह की तीसरी रिपोर्ट के मुताबिक, कोयला खनन विरोधी कार्यकर्ता आलोक शुक्ला, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सरोज गिरि, बस्तर के शांति मिशन कार्यकर्ता शुभ्रांशु चौधरी और बिहार की कार्यकर्ता इप्सा शताक्षी की भी जासूसी कराए जाने का अंदेशा जताया जा रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि डिजिटल फॉरेंसिक कराए बिना यह कहना संभव नहीं है कि उनके फोन हैक किए गए थे या फोन के साथ छेड़छाड़ की गई थी। लेकिन इन कार्यकर्ताओं के नाम से साफ संकेत मिलते हैं कि एनएसओ ग्रुप के किसी एक अज्ञात ग्राहक की इन सभी व्यक्तियों में दिलचस्पी थी। गौरतलब है कि पेगासस स्पाईवेयर इस्राइली तकनीकी कंपनी एनएसओ ने ही तैयार किया है।