अमेरिका:आवंटित नहीं हुए करीब 80 हजार ग्रीन कार्ड
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने ग्रीन कार्ड जारी करने की प्रक्रिया में अत्यधिक देरी पर खुद समाधान निकालने की बात कही है। व्हाइट हाउस प्रेस सचिव जेन साकी से शुक्रवार को पूछा गया था कि रोजगार से जुड़े 80 हजार ग्रीन कार्ड नंबर बेकार कैसे हो गए? इस पर उन्हाेंने बताया कि खुद बाइडन ग्रीन कार्ड जारी करने की प्रक्रिया पर विचार कर रहे हैं।
सबसे ज्यादा फायदा भारतीयों को
ग्रीन कार्ड का सबसे ज्यादा फायदा अमेरिका में एच-1बी वीजा पर काम करने वाले भारतीयों को मिलता है। ग्रीन कार्ड को अमेरिका में स्थायी निवास कार्ड कहा जाता है। इस दस्तावेज के जरिए अप्रवासियों को अमेरिका में स्थायी रूप से रहने का मौका मिलता है। अधिकतर भारतीय आईटी पेशेवर एच-1बी वर्क वीजा पर अमेरिका जाते हैं।
इसकी आवंटन प्रक्रिया में बदलाव का सबसे ज्यादा नुकसान भारतीयों को हुआ है। इनके तहत किसी भी देश को इस वीजा का अधिकतम सात प्रतिशत आवंटन होता है। प्रक्रिया में हुई देरी से अमेरिकी नागरिकता एवं अप्रवास सेवा विभाग के पास दसियों लाख लोग वीजा पाने की लाइन में हैं। हजारों भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स भी इससे वंचित हो रहे हैं। भारतीय-अमेरिकियों में यह चिंता का विषय बन रहा है।
तकनीकी कंपनियों को भी नुकसान
एच-1बी वीजा के जरिए भारतीय आईटी प्रोफेशनल अमेरिकी तकनीकी कंपनियों में रोजगार पाते हैं। तकनीकी कंपनियां भी इनके जरिए दसियाें हजार कर्मचारियों को रोजगार देती हैं। 2020 में जहां 9,100 वर्क वीजा उपयोग नहीं हुए थे, इस वर्ष संख्या 83,000 है।