पश्चिम में ‘चीन के मॉडल’ का अध्ययन
पश्चिमी देशों में बड़ी टेक कंपनियों पर लगाम कसने के लिए ‘चीन के मॉडल’ का गंभीरता से अध्ययन किया जा रहा है। वेबसाइट पॉलिटिको.ईयू ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है- ‘ऐसा अक्सर नहीं होता, जब नीति संबंधी समाधानों के लिए पश्चिम चीन की तरफ देखे। खास कर उस हाल में जब चीन के उइगुर मुसलमानों के मानवाधिकारों के हनन को लेकर राजनयिक संबंध खट्टे हो गए हों। लेकिन बड़ी टेक कंपनियों की तरफ से पैदा किए जा रहे मौद्रिक संकट की वजह यह विचित्र स्थिति पैदा हुई है कि पश्चिम चीन की तरफ देख रहा है।’
जानकारों का कहना है कि फेसबुक के अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करने की घोषणा के समय से ही पश्चिमी राजधानियों में काफी चिंता है। फेसबुक ने दो साल पहले कहा था कि वह 25 दूसरी कंपनियों के साथ मिल कर डिएम नाम से अपनी डिजिटल मुद्रा लॉन्च करेगी। यूरोपीय राजधानियों में इस घोषणा को गंभीरता से लिया गया। फेसबुक के दुनिया में तीन अरब से अधिक यूजर हैं। डिएम मुद्रा उन सबको उपलब्ध होगी। आशंका है कि अगर बड़ी संख्या में लोगों ने उसका इस्तेमाल करना शुरू कर दिया, तो मुद्रा कारोबार पर विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंकों की पकड़ कमजोर पड़ सकती है।