शोध में जुटे वैज्ञानिक
जब पिछले साल कोरोना महामारी पहली बार सामने आया, तो स्वास्थ्य अधिकारियों को डर था कि महामारी पूरे अफ्रीका में फैल जाएगी, जिससे लाखों लोग मारे जाएंगे। लेकिन यहां की वर्तमान स्थिति को देखकर लगता है कि यहां सबकुछ सामान्य है। WHO की रिपोर्ट के मुताबिक केवल छह फीसदी लोगों को वैक्सीन लगने के बावजूद अफ्रीका पर कोरोना महामारी का सबसे कम प्रभाव है। वैज्ञानिकों के लिए यह हैरानी की खबर है क्योंकि दुनिया के बड़े-बड़े देश जहां कोरोना से बुरी तरह प्रभावित हुए वहीं गरीबी से जूझ रहे अफ्रीका जिसके पास कोरोना से लड़ने के लिए टीके और संसाधन नहीं हैं, फिर भी वे बेहतर कर रहे हैं। अफ्रीका में कोरोना का प्रभाव वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी से सीधे उलट रहा। वैज्ञानिकों को तो आशंका थी कि दुनिया में सबसे अधिक प्रभावित कोई महादेश होगा तो वह अफ्रीका होगा।
कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि अफ्रीका में अधिकतर युवा आबादी होने के कारण जानलेवा वायरस का असर कम रहा। वहीं कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि शहर में कम आबादी और बाहर अधिक से अधिक समय बिताने के कारण ऐसा रहा हो। कई अध्ययन में इस बात की जांच की जा रही है कि क्या आनुवंशिक कारणों या परजीवी रोगों की वजह से तो ऐसा नहीं हो रहा।