“कहानियों में तुलसी जैसी मर्यादा कहाँ खोजें?”

“कहानियों में तुलसी जैसी मर्यादा कहाँ खोजें?”
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“कहानियों में तुलसी जैसी मर्यादा कहाँ खोजें?”
– कैलास गुरुकुल महुवा में मोरारीबापू की उपस्थिति में तुलसी जन्मोत्सव की शुरुआत – लठ्ठाकांड से प्रभावित परिवारों को मोरारीबापू के करुणा प्रसाद
तलगाजरडा
हर साल कैलाश गुरुकुल में श्रवण सुद सप्तमी तुलसीजी के जन्मदिन के अवसर पर तुलसी संगोष्ठी का आयोजन किया जाता है। गोस्वामी तुलसीदासजी महाराज रामचरित मानस के रचयिता की जयंती पर मानस, भागवत वाल्मीकि रामायण और कई पुराण ग्रंथों पर ध्यान और टिप्पणी करने वाले विद्वानों को तुलसी, व्यास, वाल्मीकि आदि पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है। चालू वर्ष मोरारीबापू की परम सन्निधि में आज 1 अगस्त को कैलाश गुरुकुल के आदि शंकराचार्य सभागृह में पु मोरारीबापू और पु संतोषानंदजी महाराज उर्फ ​​”सत्ववावा” द्वारा बच्चों श्री महादेव झालान और कु. ऋचा झालान के साथ दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया।
प्रथम संगोष्ठी में पहले दिन विभिन्न वक्ताओं ने तुलसी साहित्य पर अपने अनुभव और समालोचना प्रस्तुत की। जिसमें कमलेशजी – पुणे, श्री वेद प्रकाश मिश्रा – वाराणसी, सुश्री जयश्री प्रसाद – गया, श्री अनुप्रयास महाराज – वृंदावन, श्री रामचरणदासजी महाराज बक्सर, श्री प्रतीक महाराज – वृंदावन, सुश्री प्रज्ञा मिश्राजी – कानपुर, रामकृष्ण दास रामायणी – अयोध्या और दिनेश त्रिपाठी – वृंदावन आदि सुख शामिल थे।
श्री रामचरणदासजी महाराज ने कहा कि जब राम मिथिला पहुंचे और फूलों के लिए वाटिका गए,तो किशोरीजी को वहां आने के लिए मजबूर किया गया था लेकिन वे खुद किशोरीजी के दर्शन से अभिभूत थे। यह पूरी कहानी बहुत प्रसिद्ध है। इस प्रकार “रामकथा तो बहू तो ने कहीं है लेकिन तुलसी जैसी मर्यादा कहा मिलेगी” श्री प्रतीक महाराजजी ने कहा कि वक्ता श्रोताओं को वहां नहीं ले जा सकता जहां वह उन्हें ले जाना चाहता है। एक सिद्धांत है कि किसी भी चीज में जाना नियति नहीं है। चार चीजें महत्वपूर्ण हैं, पुरुषत्व, धर्म श्रवण, श्रद्धा , पुरुषार्थ।
द्वितीय संगोष्ठी का आयोजन दोपहर 4 से 7 बजे तक किया गया। श्री वेद प्रकाश मिश्र वाराणसी के प्रांगण में आयोजित संगोष्ठी में दस वक्ताओं को शामिल किया गया। श्री हरिश्चंद्रभाई जोशी के निर्देशन में लगातार चार दिनों तक धर्मशास्त्रों के प्रमुख उत्तर भारतीय विद्वानों ने इस कार्यक्रम में भाग लेगे।व्यवस्था और समन्वय श्री जयदेवभाई मांकड़ द्वारा किया जाता है।
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लट्ठा कांड से प्रभावित परिवारों को पु मोरारीबापू का करुणाप्रसाद

कुछ दिन पहले बोटाद और अहमदाबाद जिलों के कुछ गांवों में जहरीली शराब या केमिकल पीने से अब तक 57 लोगों की मौत हो चुकी है. इस घटना में मरने वालों के परिवारों के लिए स्थिति ने दोहरे सदमे की स्थिति पैदा कर दी है। एक तरफ घर के एक अहम शख्स की मौत हो गई तो दूसरी तरफ इससे आर्थिक नुकसान भी हुआ।
नशे के कारण जान गंवाने वालों की घटना निंदनीय है समाज में इस तरह की घटनाएं होना निंदनीय है। लेकिन परिवार में किसी की गलती के कारण उसके परिवार का क्या दोष है? इसलिए करुणा मूर्ति पु मोरारीबापू ने लट्ठाकांड की घटना में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है और प्रत्येक मृतक के परिवारों को 5000 रुपये की तत्काल सहायता प्रदान करने को कहा है।दो लाख पचास हजार से अधिक की सहायता चित्रकूटधाम द्वारा की जाएगी ।श्री चित्रकूटधाम ट्रस्ट के प्रतिनिधियों द्वारा एक बार फिर इस दुखद घटना से बेबस हुए परिवार मिलके इस सहायता दे दीजायेगी। उस धटना में बापुने विशेष संवेदना व्यक्त की गई है।

 

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Anish Gaudana

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