गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ बालिकाओं को उचित पोषण जरूरी – शिक्षा राज्य मंत्री

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ बालिकाओं को उचित पोषण जरूरी – शिक्षा राज्य मंत्री
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शिक्षा राज्य मंत्री श्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा है कि राज्य में कक्षा 9 से 12 तक की बालिकाओं के लिए भी ‘मिड-डे-मील’ प्रारंभ किए जाने पर राज्य सरकार विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार से सहयोग करने का आग्रह किया है। केन्द्र सरकार के स्तर पर सहयोग करने पर राज्य सरकार अपने स्तर पर भी राशि का प्रावधान कर इस संबंध में जल्द कार्यवाही करना चाहती है। श्री डोटासरा शुक्रवार को शिक्षा संकुल में अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर आयोजित समारोह में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बालिकाओं की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ ही उनका समुचित पोषण भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बालिका शिक्षा को बढ़ाव देने के साथ ही उनके सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कक्षा एक से आठ तक के बच्चों के लिए मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इस संबंध में सभी स्तरों पर मोनिटरिंग की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्तिच की गयी है। उन्हाेंन बताया कि पूर्व की तुलना में चार गूना अधिक मोनिटरिंग करते हुए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि विद्यालय में पढ़ने वाले बालक-बालिकाओं को फोर्टिफाइड पोषाहार मिले। उन्होंने कहा कि इसी संबंध में कूक एवं हेल्पर के प्रशिक्षण की भी पृथक से व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है ताकि वे विद्यालयों में स्वच्छता रखते हुए बेहतर पोषाहार विद्यार्थियों को दे सकें। शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि बालिका शिक्षा वर्तमान समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि एक बालिका यदि परिवार में पढ़ जाती है तो पूरा परिवार शिक्षित हो सकता है। उन्होंने कहा कि बालिकाओं को शिक्षित करने के साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की भी जरूरत है। इसीलिए राज्य के विद्यालयाें में बालिकाओं को शिक्षा के साथ साथ उनकी कौशल दक्षता पर विशेष ध्यान दिया गया है। बालिकाओं को आत्म सुरक्षा के लिए प्रशिक्षण प्रदान करने की भी पहल की गयी है। श्री डोटासरा ने बताया कि जन सहयोग से प्रदेश के 100 से अधिक बालिकाओं के नामांकन वाले 1000 विद्यालयों में इन्सीनेरेटर, डिस्पेंसर मशीन की स्थापना की पहल की गयी है। उन्होंने कहा कि समाज में बालिकाओं को आगे बढ़ने के अवसर दिए जाने चाहिए। इसके लिए वातावरण बनाने की जरूरत है। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में सफल बालिकाओं के उदाहरण देते हुए कहा कि बालिकाओं को यदि आगे बढ़ने के अवसर मिलते हैं तो राष्ट्र और समाज का तेजी से विकास होता है। श्री डोटासरा ने अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर बालिकाओं द्वारा जूडो-कराटे के साथ ही   आत्म सुरक्षा के लिए दिए गए प्रशिक्षण के डेमो का भी अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि बालिकाएं देश का भविष्य है और उन्हें यदि अवसर मिलते हैं तो वे देश और समाज का नाम रोशन कर सकती हैं।     इस मौके पर राजस्थान शिक्षा परिषद् के आयुक्त श्री प्रदीप कुमार बोरड़ ने बालिका शिक्षा के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में विस्तार से अवगत कराया। अतिरिक्त आयुक्त श्री बगड़िया एवं श्री हरभान मीणा ने भी अपने विचार रखे। बालिकाओं ने इस मौके पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
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