अरावली की पहाड़ियों की घाटियों मे गलताजी मंदिर
गलताजी, जयपुर ,राजस्थान, भारत गलताजी एक प्राचीन तीर्थस्थल है। अरावली की पहाड़ियों की घाटियों मे बगीचों से घिरे मंदिर, मंडप और पवित्र कुंडो के साथ हरियाली युक्त प्राकृतिक दृश्य इसे आन्नददायक स्थल बना देते हैं। दीवान कृपाराम द्वारा सवाई जय सिंह द्वितीय के लिए,18 वीं सदी में,गलताजी मंदिर का निर्माण किया गया था। गलताजी मंदिर जयपुर से केवल 10 किमी दूरी पर है। मंदिर परिसर में प्राकृतिक ताजा पानी का झरना और 7 पवित्र कुण्ड शामिल हैं।
इन कुण्डों के बीच,’गलता कुंड’, पवित्रतम कुंड है,और यह कभी सूखता नहीं है। शुद्ध पानी की एक वसंत ‘गौमुख’,एक शिला मे से बहती है। शानदार संरचना वाला यह भव्य मंदिर, गुलाबी बलुआ पत्थर से बनाया गया है। पहाड़ियों के बीच गलता मंदिर एक आलिशान ‘हवेली’की तरह बनाया गया है, जो पारंपरिक मंदिरो से अलग दिखाई देता है। यह मंदिर बंदरों के लिए भी प्रसिद्ध है। धार्मिक वातावरण, भजन-कीर्तन और मंत्र,के साथ यंहा की प्रकृति शांतिपूर्ण वातावरण प्रदान करती है।
यह माना जाता है कि, सन्त गालव ने अपने जीवन के सभी वर्ष यहाँ बिताए थे.करीब 100 वर्षों के लिए यंहा तपस्या की थि। जनवरी के मध्य में हर साल, ‘मकर संक्रांति’, पर आगंतुकों की एक बड़ी भीड़ यहाँ पवित्र कुंड में डुबकी लगाने के लिए आती है। यंहा के सूर्योदय और सूर्यास्त का द्रश्य भी अद्भुत होता है। आप आसपास मे कृष्ण मंदिर,सूर्य मंदिर, बालाजी मंदिर और सीता राम मंदिर जो गलताजी मंदिर के निकट है उसकी भी यात्रा कर सकते हैं। इस मंदिर के पास एक अन्य पर्यटक आकर्षण सिसोदिया रानी का बाग है, जो एक शानदार महल और उद्यान है। राजस्थान के राजसी शान की याद दिलाते, गलताजी मंदिर एक शानदार वास्तुकला का नमूना है।
संकलन : दिलीप जोशी (यूके)