पाकिस्तानी गायकों पर भारी पड़ा ये देसी गजलजीत

गजल को रईसों की महफिलों से निकालकर आम इंसान के ड्रॉइंग रूम में रखे रहने वाले टेप रिकॉर्डर तक पहुंचा देने का श्रेय देश में अगर किसी को जाता है तो वह हैं जगजीत सिंह। लेकिन, जगजीत सिंह को गजल गायक से फिल्म संगीतकार बना देने का श्रेय जिस शख्स को जाता है, उसे शायद आप न जानते हों? मैं बात कर रहा हूं 25 सितंबर 1981 को रिलीज हुई फिल्म ‘प्रेम गीत’ की, जिसका जगजीत सिंह का ही गाया इंदीवर का गीत ‘होठों से छू लो तुम, मेरा गीत अमर कर दो…’ अब भी प्रेमियों के बीच प्रेम को प्रकट करने का सबसे सुंदर गीत माना जाता है। शशि भूषण की लिखी कहानी पर अभिनेता पुनीस इस्सर के पिता सुदेश इस्सर ने ये कमाल फिल्म बनाई। फिल्म की कहानी बहुत अलहदा तो नहीं थी लेकिन फिल्म में एक नई हीरोइन की मौजूदगी ने लोगों की फिल्म में उत्सुकता जरूर जगाई। कुछ ही दिन पहले मैंने जब ऋषिकेश मुखर्जी निर्देशित फिल्म ‘अच्छा बुरा’ का बाइस्कोप लिखा था तो बताया था कि चर्चित अभिनेता जगदीश राज की बेटी अनीता को पहला मौका उसी फिल्म में मिला था। लेकिन, अनीता राज की रिलीज होने वाली पहली फिल्म ‘प्रेम गीत’ ही रही। ‘प्रेम गीत’ ही हमारे आज के बाइस्कोप की फिल्म है।
