लद्दाख:चीन के दावे को लेकर नक्शा मांगेगा भारत
भारत ने पश्चिमी क्षेत्र में सेनाओं के पूरी तरह से पीछे हटने और भारतीय सेना के अपनी पेट्रोलिंग पोस्ट पर वापस जाने के बाद नक्शे के आदान-प्रदान के लिए चीनी पक्ष को आगे बढ़ाने की योजना बनाई है। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि इससे एक-दूसरे के दावे की पुष्टि और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का पता चल जाएगा। इसके बाद प्रबंधन और पेट्रोलिंग प्रोटोकॉल आसान बन जाएंगी।
अभी तक चीन ने इस क्षेत्र में नक्शों का आदान-प्रदान करने से मना कर दिया है। 22 राउंड की बातचीत के बाद चीन ने नक्शों का आदान-प्रदान करने या एलएसी को स्पष्ट करने के प्रति कोई इच्छा जाहिर नहीं की है। उसने केवल केंद्रीय क्षेत्र के नक्शों का आदान-प्रदान किया है।
गलवां झड़प के बाद भारत को उम्मीद है कि इस क्षेत्र में भी सहमति बन जाएगी। नक्शों के आदान-प्रदान के लिए चीन की अनिच्छा इस संदेह को जन्म देती है कि वे इसे जमीन पर स्थिति को बदलने की कोशिश कर रहे हैं। उच्च सरकारी सूत्रों का कहना है कि दोनों देश अपनी सेनाओं को फॉरवर्ड पोजिशन से पीछे हटा रहे हैं। भारत स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए है। बातचीत में शामिल एक अधिकारी ने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि हम उन्हें क्षेत्र दे रहे हैं।’ इस प्रक्रिया में समय लगेगा।