मंशा महादेव व्रत का भाव से समापन शिवालयों में लगा भक्तों का तांता, सजे शिवालय
- कुशलगढ़ के मोहकमपुरा महादेव मंदिर पर मंशा महादेव व्रत समापन मंशा चौथ पर पूजा कर कथा श्रवण करते व्रतधारी
बुधवार को चार माह से चल रहे मंशा महादेव व्रत का समापन हुआ। यह व्रत श्रावण सुदी चौथ से कार्तिक सुदी चौथ तक सोलह सोमवार तक किया जाता है। इसके बाद इसका विधि विधान से उद्यापन हुआ। यह व्रत चार साल तक सोलह सोमवार किया जाता है। यह व्रत मन की मनोकामना के लिए किया जाता है। इस दौरान महादेव की पूजा अर्चना की जाती है । व्रत करने वाले सुपारी व कच्चे सूत से महादेव बनाकर सोलह सोमवार तक उसकी पूजा अर्चना करते हैंं।
इसके बाद उद्यापन में सवा सेर आटा, सवा सेर गुड़, सवा सेर घी का चूरमा बनाकर महादेव को भोग लगाया जाता है। इसके बाद चूरमे के चार हिस्से किये जाते हैंं। इसमेंं एक हिस्सा महादेव, दूसरा हिस्सा नाथ बाबा, तीसरा हिस्सा खेलते हुए बच्चे को व चौथा हिस्सा प्रसाद के तौर पर स्वयं ग्रहण करते हैंं। व्रत करने वाले इस दिन चूरमे व दही से ही व्रत खोलते हैंं बांसवाड़ा शहर के विभिन्न शिवालयों सहित देहात के कुशलगढ़, टिमेडा, रामगढ़, मोहकमपुरा, छोटी सरवा, बड़ी सरवा, पाटन, बस्सी, सुनारिया, रूपगढ, नलवई, बावड़ी, बावलियापाडा सहित ग्रामीण क्षेत्र में मनसा महादेव व्रत का उद्यापन श्रद्धा,भाव भक्ति से हुआ।
बांसवाड़ा कुशलगढ़ से अरुण जोशी