मंडियों में पीच वैली आड़ू की दस्तक

मंडियों में पीच वैली आड़ू की दस्तक
Spread the love

पीच वैली के नाम से मशहूर हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के राजगढ़ के आड़ू ने बाजार में दस्तक दे दी है। अर्ली किस्म का आड़ू मंडियों में पहुंच गया है। शुरूआती दौर में आडू़ के उचित दाम नहीं मिलने से बागवान मायूस हैं। पिछले वर्ष की अपेक्षा इस साल दाम में लगभग सौ रुपये की कमी दर्ज की जा रही है। बागवानों की मानें तो बारिश कम होने के कारण इस बार आड़ू का आकार नहीं बन पाया है। इस वजह से उचित दाम नहीं मिल रहे।

पीच वैली राजगढ़ का अर्ली किस्मों के आड़ू का दाम इस बार कम मिल रहे हैं। अब आडू की जुलाई एलबर्टा किस्म के अच्छे दाम मिलने की उम्मीद है। आड़ू की जल्द आने वाली किस्मों रेड हेवन और सन हेवन इस बार मंडियों में 600-700 रुपये प्रति क्रेट दाम मिल रहे है, जबकि गत वर्ष 800-900 तथा अधिकतम एक हजार रुपए प्रति के्रट दाम मिले थे। जिसके चलते आड़ू उत्पादकों के चेहरों की रौनक कुछ कम हुई है।

 

प्रगतिशील बागवान सुरेंद्र तोमर, रविदत्त भारद्वाज, वीरेंद्र कुमार, सुरजीत, अरुण व सुंदर सिंह ने बताया कि वह अपना आड़ू चंडीगढ़ मंडी में कुछ वर्षों से भेज रहे हैं। पहले वह पेटियों से दिल्ली भेजते थे। लेकिन, उसमें अधिक विपणन खर्च होने के कारण उन्होंने अब क्रेटों से आड़ू भेजना शुरू किया है। उन्हें इस बार प्रति क्रेट 600-700 रुपये औसतन दाम मिल रहे है। जबकि पिछले वर्ष यह 800-900 थे। यही नहीं कुछ माल तो एक हजार रुपये प्रति क्रेट भी बिका था।

उद्यान विभाग के विषय विशेषज्ञ डॉ. देवेन्द्र अत्री कहा कि इस बार ओलावृष्टि होने से आड़ू की फसल कम है। सिरमौर जिले में राजगढ़, सराहां और संगड़ाह उपमंडलों में कुल 2118 हेक्टेयर भूमि पर आड़ू की फसल लगी है। करीब 7200 मीट्रिक टन का उत्पादन होता है। सबसे अधिक राजगढ़ में 1202 हेक्टेयर भूमि पर 4570 मीट्रिक टन, जबकि पच्छाद में 750 हेक्टेयर में 2100 मीट्रिक टन व संगड़ाह में 165 हेक्टेयर भूमि पर 530 मीट्रिक टन आड़ू का उत्पादन होने का अनुमान है।

 

Admin

Admin

9909969099
Right Click Disabled!