जब लोकसभा अध्यक्ष ने दिए फिट रहने के मंत्र
नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कई केंद्रीय मंत्रियों, संसद सदस्यों और अन्य व्यक्तियों की मौजूदगी में संसद भवन में फिट इंडिया अभियान की मुहिम को आगे बढ़ाया। इस अवसर पर बिरला ने कहा कि भारत द्वारा किए गए प्रयासों के कारण अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस शुरू होने के बाद से ही योग पूरी दुनिया में लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बन गया था। उन्होंने फिट इंडिया मूवमेंट में इसी तरह के प्रयास का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इसे जन आंदोलन बनना चाहिए और यह संदेश जाना चाहिए कि भारत एक सबसे फिट राष्ट्र है।
उन्होंने कहा कि शरीर को फिट करने के लिए जीवन शैली में मामूली परिवर्तन करने की आवश्यकता है। व्यायाम से जीवन में नई स्फूर्ति आती है जिससे न केवल शरीर फिट होता है बल्कि राष्ट्र की प्रगति को भी सुनिश्चित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बीमारी से सारे देश का सुखचैन चला जाता है और इसीलिए यह आवश्यक है कि हम एक फिट और स्वस्थ राष्ट्र की स्थापना के लिए मिलकर काम करें। लोक सभा अध्यक्ष का अभिनन्दन करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी अगुवाई में संसद ने केवल कार्य की दृष्टि से फिट हुई है अपितु शारीरिक रूप से भी फिट हो रही है। इससे पहले, प्रतिभागियों ने बिरला के नेतृत्व में संसद भवन के चारों ओर एक चक्कर लगाया। तत्पश्चात, योग शिक्षक ने प्रतिभागियों को फ्री हैंड व्यायाम और योग के बारे में जानकारी दी। उन्होंने आगे कहा कि संसद सदस्यों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनका निर्वाचन क्षेत्र सबसे फिट हो जाए, उन्होंने सदस्यों के बीच उनके निर्वाचकों की फिटनेस के लिए एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का आह्वान किया।
बाद में मीडियकर्मियों से बातचीत करते हुए बिरला ने कार्य निष्पादन और कार्यक्षमता को बेहतर बनाने के लिए अपनी दिनचर्या में नियमित व्यायाम, पर्याप्त विश्राम और संतुलित आहार को शामिल करते हुए स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के साथ ही तनाव को कम करने हेतु प्रयास करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि स्वस्थ (फिट) रहकर ही हम अपने कर्तव्यों और उत्तरदायित्वों का निष्ठापूर्वक निर्वहन कर सकते हैं। यदि हम पूरी तरह स्वस्थ नहीं हैं तो हम अपनी क्षमता का पूरी तरह से उपयोग नहीं कर पाएंगे और राष्ट्र के लिए समृद्धि और प्रगति का मार्ग प्रशस्त नहीं कर पाएंगे। युवा कार्य और खेल मंत्रालय में मंत्री (स्वतंत्र प्रभार ) ने अपने उद्गार में कहा कि संसद से देशभर में सन्देश जाता है कि एक स्वस्थ राष्ट्र ही एक सबल राष्ट्र बन सकता है।