पूर्व मंत्री जगदीश गरचा व भाई मान सिंह गरचा अकाली दल टकसाली में शामिल

पूर्व मंत्री जगदीश गरचा व भाई मान सिंह गरचा अकाली दल टकसाली में शामिल
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लुधियाना

शिरोमणि अकाली दल (ब) और बादल परिवार के करीबियों में शुमार पूर्व मंत्री और वर्किंग कमेटी के सदस्य जगदीश सिंह गरचा, उनके भाई मान सिंह गरचा और पुत्र व एस.जी.सी.पी. मैंबर हरप्रीत सिंह गरचा ने वीरवार को सैंकड़ों वर्करों के साथ पूर्व राज्यसभा सांसद सुखदेव सिंह ढींडसा और उनके बेटे व पूर्व वित्त मंत्री परमिंद्र सिंह ढींडसा की उपस्थिति में अकाली दल बादल को अलविदा कह ढींडसा ग्रुप के अकाली दल टकसाली में शामिल होने का ऐलान कर दिया।

गरचा ने कहा कि हजारों कुर्बानियों और संघर्षों के बाद बनी 100 वर्ष पुरानी पार्टी शिरोमणि अकाली दल पर सुखबीर सिंह बादल ने कब्जा जमा लिया है जिसमें लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है। किसी भी सीनियर या जूनियर वर्कर को अपनी बात कहने का हक नहीं है। परिवार के 3 लोगों द्वारा जिस तरह अकाली दल (ब) को प्राइवेट कम्पनी बना कर चलाया जा रहा है, उसकी वजह से पुराने और टकसाली नेता एक-एक करके पार्टी को छोड़ रहे हैं और यह समय की जरूरत भी है।

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह और सुखबीर बादल का फ्रैंडली मैच सार्वजनिक हो चुका है। सुखबीर का केबल और रेत का काला कारोबार सरकार बदलने के बावजूद धड़ल्ले से चल रहा है । एस.जी.पी.सी. पर सुखबीर का कब्जा है और उसमें पिछले समय में कई घोटाले हुए हैं जिन्हें बेनकाब कर कमेटी को इनके कब्जे से छुड़ाना उनका लक्ष्य है जिसके लिए अधिवक्ता एच.एस फूलका भी उनके साथ आने वाले हैं।

पूर्व वित्त मंत्री परमिंद्र ढींडसा ने कहा कि सुखबीर, हरसिमरत कौर बादल और बिक्रमजीत मजीठिया ने पिछले कुछ वर्षों में अकाली दल पर कब्जा जमा लोकतंत्र की हत्या की है, उसी कारण आज सारी जिंदगी पार्टी के सेवा में लगाने वाले बुजुर्ग और नौजवान नेता अकाली दल को छोड़ रहे हैं। मान सिंह गरचा ने कहा कि प्रकाश सिंह बादल आज भी उनके नेता हैं, वह चाहें तो उनकी अगुवाई कर सकते है लेकिन जिस ढंग से सुखबीर पार्टी में तानाशाही कर बुजुर्ग लीडरशिप का अपमान और युवाओं को धमका कर पार्टी चलाने की कोशिशे कर रहे हैं, उसी की वजह से पार्टी का आज यह हाल हो रहा है।

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