मोदी 2.0 में भाजपा ने हासिल किए कई मुकाम
कोरोना संकट के बीच मोदी सरकार 2.0 ने अपने कार्यकाल का पहला साल पूरा हो गया। पहले साल में भाजपा अपने मुख्य एजेंडे को अमल में लाने में तो कामयाब रही, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से पैदा हुए आर्थिक संकट ने मोदी सरकार के सामने बड़ी चुनौती पैदा कर दी है। मोदी सरकार शनिवार को अपनी पहली वर्षगांठ मनाने जा रही है। ऐसे में पहले साल को हिन्दुत्व विचारधारा से जुड़ी दशकों पुरानी मांग को पूरा करने के रूप में याद किया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2019 के लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत से जीत हासिल हुई थी जो मुख्य एजेंडे को आगे बढ़ाने की अपेक्षा के रूप में देखी जा रही थी।
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले वर्ष में जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जे से जुड़े अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधानों को खत्म करने, अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण जैसे दो मुद्दे का समाधान निकालने के रूप में रेखांकित किया जा सकता है। ये दोनों मुद्दे कई दशकों से भाजपा के घोषणापत्र में शामिल रहे हैं और पार्टी की विचारधारा से जुड़े हैं ।
सरकार ने अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधानों को समाप्त करने वाला विधेयक पारित कराने के साथ संसद में एक प्रस्ताव पारित करके जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया। वहीं, सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के आदेश से अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ। ये दोनों विषय हिन्दुत्व के एजेंडे में शीर्ष पर थे और भाजपा की विचारधारा से जुड़े थे। इन मुद्दों की पैरोकारी करने के कारण ही भाजपा को 90 के दशक में सहयोगी जुटाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था।
इसके अलावा भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने मुस्लिम समुदाय में एक बार में तीन तलाक को अपराध बनाने वाला कानून बनाया। इसके अलावा विवादास्पद नागरिकता संशोधन विधेयक को संसद के दोनों सदनों में पारित कराया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने दूसरे कार्यकाल के लिए 30 मई 2019 को शपथ ली थी। लोकसभा चुनाव में भाजपा को पूर्ण बहुमत हासिल हुआ था।
भाजपा के उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि मोदी 2.0 ने अपने पहले साल में अपने सभी वादों को पूरा किया। उन्होंने कहा, ‘सरकार का पहला साल दृढ़ता, साहस और प्रतिबद्धता से जुड़ा हुआ है। पहला कार्यकाल कल्याण योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने से जुड़ा था और इसके परिणाम भी सामने आए।’ अनुच्छेद 370 को समाप्त करने और सीएए का कदम स्वाभाविक था क्योंकि भाजपा को 2019 में एक बार फिर से और बड़ा बहुमत प्राप्त हुआ था ।
सीएए के पारित होने से मुस्लिम बहुसंख्यक पड़ोसी देशों के ऐसे गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को नागरिकता का मार्ग प्रशस्त हुआ जो धार्मिक आधार पर प्रताड़ना का सामना कर रहे हैं। इसके कारण कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर लागू करने पर चर्चा नहीं की है। इसको लेकर विपक्षी दलों ने भी सरकार पर निशाना साधा। इसी दौरान, कोविड-19 देश के विभिन्न हिस्सों में फैल गया और इस दौरान प्रवासी मजदूरों का अपने घरों की ओर लौटने का सिलसिला शुरू हो गया। इस महामारी का स्वास्थ्य के साथ अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव सामने आया है। कोविड-19 ने सरकार के समक्ष बड़ी चुनौती पेश कर दी है।