अपने गानों में लोक गीत का इस्तेमाल करते थे वाजिद खान

अपने गानों में लोक गीत का इस्तेमाल करते थे वाजिद खान
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साजिद-वाजिद को तबला की ताल पर थिरकते साज विरासत में मिले। बॉलीवुड के संगीतकार साजिद और वाजिद खान के पिता उस्ताद शराफत अली खान तबला वादक थे। वहीं से दोनों ने गानों में घुली धुनों को पहचानना शुरू किया। फिर बॉलीवुड की दुनिया में संगीतकार बनने की मंशा से सहारनपुर से मुंबई आ गए। इस जोड़ी की एक कड़ी ने सोमवार को मुंबई के सुवर्णा अस्पताल में आखिरी सांस ली। साजिद खान के भाई वाजिद खान का निधन हो गया।

भाई साजिद के मुताबिक दिल का दौरा पड़ने से वाजिद की मौत हुई और वो कोविड-19 के भी मरीज थे। वाजिद को किडनी की समस्या के चलते करीब दो महीने पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कुछ समय पहले उनकी किडनी ट्रांसप्लांट कराई गई थी। लेकिन वाजिद अपने पीछे गानों की शक्ल में अपनी पहचान छोड़ गए हैं। 1998 में आई फिल्म ‘प्यार किया तो डरना क्या’ से अपनी संगीतकार बनने की शुरुआत करने वाले वाजिद की कहानी बिना साजिद के शुरू हो ही नहीं सकती। क्योंकि वाजिद खान और साजिद खान दोनों ने साथ ही अपने करियर की शुरुआत की और साथ ही हर फिल्म में गाने कम्पोज किए।

साजिद-वाजिद ने ‘प्यार किया तो डरना क्या’ फिल्म का एक गाना ‘तेरी जवानी’ कम्पोज किया लेकिन वो गाना चला नहीं। अगले साल 1999 में सलमान की फिल्म ‘हलो ब्रदर’ में साजिद-वाजिद को 4 गाने कम्पोज करने को दिए गए जिसमें से ‘हटा सावन की घटा’ खूब पॉपुलर हुआ और साजिद-वाजिद का नाम बॉलीवुड में चल गया। इसके बाद ‘मां तुझे सलाम’, ‘तेरे नाम’ जैसी फिल्मों ने दोनो भाइयों की जोड़ी बॉलीवुड में स्थापित कर दिया। वाजिद को याद करते हुए वरिष्ठ संगीत विशेषज्ञ पवन झा इस जोड़ी के बारे में बताते हैं कि साजिद-वाजिद भले ही नए जमाने के रंग में ढल कर कई गाने कम्पोज करते लेकिन उनके कई गानों में लोक गीत, शास्त्रीय संगीत का मेल भी देखने को मिलता था। कह सकते हैं कि उनके पिता जो तबला वादक थे, उनके साथ संगीत समारोह में जाते-जाते उनको भारतीय संगीत की काफी समझ हो गई थी।

यही नहीं पवन झा यह भी बताते हैं कि बॉलीवुड का चस्का इन दो भाइयों को तब लगा जब वह पंचम दा की संगीत रिकॉर्डिंग में अपने पिता के साथ जाया करते थे। यह बात तो किसी से छिपी नहीं है कि साजिद-वाजिद को सलमान खान ने कई फिल्मों में काम करने का मौका दिया। सलमान खान के साथ इस जोड़ी ने ‘प्यार किया तो डरना क्या’, ‘हैलो ब्रदर’, ‘तुमको न भूल पाएंगे’, ‘तेरे नाम’, ‘गर्व’, ‘मुझसे शादी करोगी’, ‘पार्टनर’, ‘गॉड तुस्सी ग्रेट हो’, ‘वांटेड’, ‘वीर’, ‘दबंग’ जैसी तमाम फिल्मों में काम किया। इसके साथ ही साजिद-वाजिद ने ‘गुनाह’, ‘क्या यही प्यार है’, ‘चोरी चोरी’, ‘द किलर’ में भी संगीतकार के रूप में काम किया और दोनों ने आखिरी बार साथ दबंग-3 में काम किया। साजिद-वाजिद ने गैर-फिल्मी गीतों पर भी काम किया था जिसमें सबसे अहम रही थी 1999 में आई सोनू निगम की ‘दीवाना’ एलबम।

पवन झा बताते हैं कि उस एलबम के बाद सोनू निगम को बड़ी फिल्मों में मुख्य गायक के रूप में लिया जाने लगा। उस एलबम ने गैर-फिल्मी गानों की दुनिया में कई रिकॉर्ड तो तोड़े ही थे, साथ ही उसके गानों में पॉप या इंडी-पॉप का स्वाद नहीं था, बल्कि गानों में फिल्मी गानों का स्वाद था जो उस एल्बम को और एल्बम से अलग बना गया गुलजार के साथ साजिद-वाजिद ने फिल्म ‘वीर’ में काम किया था और पवन झा के मुताबिक उस फिल्म में रचे गए गीत इस जोड़ी के बहतरीन कामों में से एक थे। “वीर के गानों में शास्त्रीय संगीत, लोक गीत, ठुमरी का खूब प्रयोग हुआ। उसमें रेखा भारद्वाज की ठुमरी, कान्हा का भी इस्तेमाल हुआ। सुरीली अखियों, तेरी मेरी कहानी यह गाने बहुत अच्छी धुनों से सजे मिले।” पवन बताते हैं कि ‘हॉउसफुल 2’ में एक तरफ ‘पापा तो बैंड बजाए’ जैसा जोशीला और तड़कता-भड़कता गाना था तो दूसरी तरफ ‘डू यू नो’ जैसे गाने में आपको पंचम दा के गानों की झलक मिलेगी।

ऐसे ही दबंग के गानों में मिलेगा। एक ओर ‘फैविकॉल’ मिलेगा तो दूसरी ओर ‘तेरे मस्त-मस्त दो नैन’ जैसा काव्यमय गाना मिलेगा। दबंग के टाइटल ट्रैक ‘ हुड हुड दबंग’ में साजिद-वाजिद ने किरदार के मिजाज को ध्यान में रखते हुए रंग भरे। आइटम नंबर की बात करते हुए पवन झा कहते हैं कि “आप और आइटम नंबर में विदेशी धुनों का अंबार देखेंगे लेकिन साजिद-वाजिद के आइटम नंबर में लोक गीत का इस्तेमाल होता देखेंगे।” ‘फैविकॉल’ गाने को आप सुनेंगे तो आपको उसमें लोक गीत घुला हुआ मिलेगा। उनकी कुछ रचना पश्चिमी देशों की रचना से प्रेरित मिलेंगी लेकिन अपनी ज्यादातर रचनाओं में उन्होंने लोक गीत और भारतीय संगीत को तर्जी दी।” 2000-2010 तक का साल साजिद-वाजिद का साल माना जाता है और अभी इस जोड़ी को साथ और काम करना था। लेकिन साजिद खान को बॉलीवुड में अपनी बाकी की कहानी अपने भाई वाजिद खान के बिना ही लिखनी पड़ेगी। वाजिद खान को याद करते हुए आज बॉलीवुड के हर कलाकार की आंखे नम है और सब उनको एक अच्छे संगीतकार, इंसान और हमेशा मुस्कुराते हुए इंसान के रूप में याद कर रहे हैं। सलमान खान ने उन्हें एक खूबसूरत आत्मा और व्यक्तित्व के धनी आदमी के रूप में याद किया।

 

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