नमो योगासन: दिन में दो बार करने से कोविड का तनाव होगा दूर

नमो योगासन: दिन में दो बार करने से कोविड का तनाव होगा दूर
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पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना के दौरान होने वाले और उसके बाद के तनाव को झेल रही है। इस तनाव को कम करने के लिए देश ने पूरी दुनिया को एक नया योगासन दिया है। यह योगासन है “नमो सिद्ध स्वदेश योगासन”। इसकी तीन चरणों की यौगिक क्रियाओं को करने के बाद ना सिर्फ कोरोना होने के बाद के तनाव को कम किया जा सकेगा, बल्कि शरीर को बहुत लचीला भी बनाया जा सकेगा। इस योग को कई तरह के शोध के बाद पूरी दुनिया में लोगों को तनाव रहित और मानसिक रूप से मजबूत बनाने के लिए लांच किया गया है। इस योगासन को आयुष के दिशानिर्देशन में तैयार किया गया है। यौगिक क्रियाओं पर तमाम शोध कर इसे बनाने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि नमो आसन के प्रमुख तीन चरण और 11 दशाएं हैं। इसे दिन में दो बार अभ्यास करने की सलाह दी गई है।

इस योग को अनुरिस (अगस्त्य नाथ यूनिवर्सिटी फॉर रिसर्च एंड इनोवेशन इन स्टेट ऑफ बीइंग) ने आयुष मंत्रालय के दिशा निर्देशन में तैयार किया है। इससे पहले भी 2015 में पहले विश्व योग दिवस पर ‘समर्थ योगासन’ को लांच किया गया था।
आठ नंबर के सर्किल से चलता है योग। मिशन की टीम स्वहोश और जोश (ज्वाइंट आर्थो स्पाइन होलेस्टिक हेल्थ) से जुड़े ऑर्थोपेडिक्स और स्पोटर्स मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. पवन कुमार कोहली ने बताया कि नमो योग की तीन प्रमुख मुद्राओं से नंबर आठ का सर्किल बनता है। वह कहते हैं कि नमो आसन केवल यौगिक क्रिया नहीं बल्कि यह स्टेट ऑफ माइंड है।

यह हैं नमो योगासन की प्रमुख मुद्राएं
सबसे पहले हाथों को कमर पर रख कर सीधे खड़े हों, कमर को जिनता संभव हो सके सीधा ही रखें, ऊपर से नीचे की ओर देखें, पसली और छाती बिल्कुल सीध में होनी चाहिए, पेट सामान्य स्थिति में हो, न ज्यादा अंदर हो न ज्यादा बाहर, आराम से यौगिक श्वांस लें।
अब पीछे की ओर कदम बढ़ाएं, पीछे कदम बढ़ाते हुए पूरी तरह सजग रहें, इस तरह एक सर्किल या आठ नंबर का आधा हिस्सा पूरा करें, यही प्रक्रिया फिर से अपनाते हुए आठ नंबर का सर्किल पूरा करें, इस तरह क्लॉक वाइज और एंटी क्लाक वाइज दो सर्किल पूरे करें। पहला चरण स्व: अस्थ्यासन पूरा हुआ।

स्व:बोध आसन के लिए इसी प्रक्रिया को दोबारा दोहराएं, पूरब से पश्चिम पीछे की ओर कदम बढ़ाते हुए चलें। इस दौरान मेरूदंड या कमर सीधी रखें। श्वांस पर नियंत्रण और मस्तिष्क को केन्द्रित करें। इस समय आपको अपने हाथों को सिर के पीछे की तरफ रखना है, ऐसी अवस्था में आपको नंबर और का पहला और दूसरा सर्किल चलते हुए पूरा करना है। दूसरे सर्किल में पश्चिम से पूरब की ओर चलें। तीसरा चरण है स्व: उद्यासन। इसमें हाथों को कंधे के ऊपर सीधे करें और पीछे की ओर कदम बढ़ाते हुए आठ नंबर का पहला सर्किल पूरा करें, इसी अवस्था में दूसरा सर्किल पूरा करें, इस दौरान कमर सीधी और सांस पर नियंत्रण बना रहना चाहिए। योग के आखिरी चरण में दोनों हाथों को आपस में जोड़ते हुए नमस्कार की मुद्रा में खड़े हों, नमस्कार की इस अवस्था में दस अंगुलियां आपस में मिलकर उर्जा का संचार कर रही होती हैं। नोट: किसी प्रशिक्षित योग आचार्य की निगरानी में ही ये योग क्रियाएं करें।

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