गुजरात से केरल तक बाढ़ का तांडव, मौत का आंकड़ा १०० के पार

गुजरात से केरल तक बाढ़ का तांडव, मौत का आंकड़ा १०० के पार
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मुंबई/अहमदाबाद/तिरुअनंतपुरम/बेंगलुरु
देश के पश्चिमी हिस्से से लेकर दक्षिण के राज्यों तक बाढ़ का कहर लगातार बढ़ रहा है। केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात में बाढ़ से स्थिति गंभीर बनी हुई है। मिली खबर के अनुसार अब तक 136 लोगों की मौत हो चुकी है। यही नहीं अभी कई और दिनों तक भीषण बारिश जाने की रहने की आशंका है और इसे देखते हुए केरल सरकार ने मिलिट्री टीमों को रेस्क्यू यूनिट्स बनाकर अभियान चलाने और फंसे हुए लोगों को एयरलिफ्ट करने का आदेश दिया है। भारी बारिश और बाढ़ के कारण रनवे क्षेत्र में पानी घुसने के दो दिन बाद रविवार को कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान संचालन दोपहर को फिर से शुरू होगा। कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के प्रवक्ता ने कहा, रविवार दोपहर से उड़ान संचालन शुरू हो जाएगा। दूसरी ओर मलप्पुरम के नीलांबूर में कल हुए भूस्खलन से नौ शव बरामद हुए हैं, 63 लोग अब भी लापता हैं। केरल और कर्नाटक में शनिवार को बाढ़ की वजह से गंभीर स्थिति बनी हुई है, भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 83 हो गई है, जबकि महाराष्ट्र में चार लाख से अधिक लोगों को निकाला गया और गुजरात में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 19 लोगों की जान चली गई। महाराष्ट्र में अब तक 12 लोगों की मौत हो गई है, जहां सांगली और कोल्हापुर जिलों में जल स्तर बढ़ने लगा है, ये इलाके महाराष्ट्र में बाढ़ के कहर से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि केरल के आठ जिलों में 80 भूस्खलन से संबंधित घटनाओं में 57 लोगों की मौत हो चुकी है। केरल में करीब सवा लाख लोग विस्थापित हो गये हैं। बाढ़ और बारिश की सबसे अधिक मार वायनाड और कोझिकोड पर पड़ी है जहां करीब 25-25 हजार लोग बेघर हो गये। राज्य में वर्षाजनित घटनाओं में अबतक 42 लोगों की जान चली गयी है। आठ जिलों में आठ अगस्त से भूस्खलन की 80 घटनाएं हो चुकी हैं। मलप्पुरम के कावलप्परा और वायनाड के मेप्पाडी केपुथुमला में बड़े भूस्खलनों के बाद कई लोगों के अब भी मलबे में दबे होने की आशंका है। एर्नाकुलम, इडुक्की, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझिकोड, वायनाड, कन्नौर और कसारगोड जिलों में वर्षा को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सक्लेश्पुर में मरानाहल्ली के समीप कई भूस्खलन हुए। दक्षिण कन्नड़ जिले में नेत्रावती नदी के उफान पर होने के कारण पूरा पाणे मंगलुरू गांव जलमग्न हो गया। मुख्यमंत्री बी एस येडियुरप्पा ने राज्य के लोगों से चिंता ना करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि सरकार की शीर्ष प्राथमिकता राहत कदम उठाना हैं। महाराष्ट्र के कोल्हापुर और सांगली जिलों में बाढ़ की स्थिति में सुधार के संकेत नजर आने लगे क्योंकि जलमग्न विभिन्न क्षेत्रों से पानी घटने लगा है। सांगली जिले के पालुस तहसील में ब्रह्मनाल गांव के समीप बृहस्पतिवार को नौका पलट जाने की घटना में तीन और शव मिले हैं। नौ व्यक्तियों की डूबकर मौत हो गयी। इस तरह इस घटना में मरने वालों की संख्या 12 हो गयी है। कई अन्य के लापता होने की आशंका है। कोल्हापुर और सांगली जिलों में नौसेना की 26 टीमें तैनात हैं। नौसेना के 110 कर्मी और 26 नौकाएं बचाव एवं राहत कार्य में जुटी हैं। महाराष्ट्र में चार लाख से अधिक लोगों को निकाला गया है। जबतक बाढ़ की स्थिति नहीं सुधरती है तब तक ये टीमें तैनात रहेंगी।

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