केजरीवाल के कारण पूर्वांचल और परप्रांत के लेागों को दिल्ली में धोखा और अपमान झेलना पड़ रहा है
भारतीय जनता पार्टी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने आम आदमी पार्टी द्वारा चलाये जा रहे आपन पूर्वांचल नामक जन संवाद अभियान को विधानसभा चुनावों में मिलने वाली हार का डर बताते हुये कहा कि आम आदमी पार्टी के मुखिया, उनके नेताओं, विधायकों व मंत्रियों ने पूर्वांचल के लोगों को बार-बार अपमानित किया है। पूर्वांचल के लोगों ने दिल्ली के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। कई प्रमुख पदों पर रहकर पूर्वांचल के लोग समाज ओर देश की सेवा कर रहे हैं। पूर्वांचल का व्यक्ति अपनी ईमानदारी व मेहनतकश चरित्र के लिए पूरी दिल्ली में प्रसिद्ध हैं। लेकिन कभी आम आदमी पार्टी के नेता तो कभी स्वंय संवैधानिक पद पर बैठे मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने पूर्वांचल व परप्रांत के लिए ऐसे आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया है, जिससे अपमानित दिल्ली में रह रहे लाखों पूर्वांचलियों के मान सम्मान व आत्मसम्मान को ठेस पहुंची है। तिवारी ने कहा कि आम आदमी पार्टी की निगम और लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद से केजरीवाल को पूर्वांचल समुदाय से डर लगने लगा है, लेकिन उन्हीं पूर्वांचलियों के बीच जाकर जनसंवाद कर उन्हें नाटकीय ढ़ंग से गुमराह करने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं। केजरीवाल दिल्ली की जनता को जवाब दे कि यह उनका कैसा दोहरा चरित्र है कि केजरीवाल एक तरफ तो पूर्वांचल व परप्रांत के लोगों को दिल्ली पर बोझ बताते हैं।दूसरी तरफ उन्हें वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करने के लिए उनके बीच जा कर उनके हितैषी होने का जाल बिछाकर उसमें पूर्वांचल के लोगों को फंसाने की कोशिश करते हैं। सत्ता में येन, केन, प्रकरेण बने रहने के लिए केजरीवाल कुछ भी कर सकते हैं। तिवारी ने कहा कि मुफ्त योजनाओं का सब्जबाग दिखाकर केजरीवाल जनता को गुमराह करने की विफल कोशिश कर रहे हैं। समझदार दिल्ली की जनता जानती है कि 56 महीने बीत जाने के बाद यदि यह घोषणाएं की जा रही हैं तो उसके पीछे का उद्देश्य क्या है।पूर्वांचल समाज ने केजरीवाल सरकार पर भरोसा किया और अपना प्यार व आशीर्वाद जनादेश के रूप में आम आदमी पार्टी को दिया। लेकिन केजरीवाल की अकर्मण्यता के कारण उन्हें धोखा मिलने के साथ-साथ अपमान भी झेलना पड़ा है। केजरीवाल पूर्वांचल समाज के लोगों से क्यों चिढ़ते है इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह पूर्वांचल के लोगों का भाजपा के साथ मिलकर चलना है। धर्म व जाति भेद की दलगत राजनीति कर केजरीवाल दिल्ली को बांटना चाहते हैं।