मेट्रो फेज- 4 का विस्तार, प्रदूषण होगा कम – भाजपा
भारतीय जनता पार्टी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने दिल्ली मेट्रो विस्तार के तहत चैथे चरण के निर्माण में केजरीवाल सरकार द्वारा लगाये जा रही बाधा को जनता के बीच उजागर करते हुये कहा कि एक तरफ तो दिल्ली की जनता प्रदूषण की दोहरी मार झेल रही है जिसमें हवा और पानी दोनों प्रदूषित है और इसके लिए मुख्यमंत्री केजरीवाल पूर्ण रूप से जिम्मेदार है। दूसरी तरफ आवागमन को सुगम व सुविधाजनक बनाने वाली मेट्रो के काम में मुख्यमंत्री द्वारा जानबूझ कर बाधा डाली जा रही है। यह किस प्रकार की दलगत राजनीति है जिसके कारण दिल्ली की जनता के हितों को लगातार दरकिनार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कैबिनेट ने केंद्र व दिल्ली सरकार को दिल्ली मेट्रो के फेज-4 के वित्तपोषण के तौर-तरीकों में बदलाव की अनुमति दे दी है। इसके तहत केंद्र और दिल्ली सरकार फेज-4 के तीन कॉरिडोर के निर्माण के लिए आवश्यक जमीन की लागत में भी 50-50 फीसद हिस्सेदारी निभाएंगी। मोदी सरकार दिल्ली को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए संकल्पबद्ध है जिसके तहत मेट्रो को दिल्ली की लाईफ लाइन के रूप में बनाया जा रहा है। तिवारी ने कहा कि चैथे चरण की कुल लागत जो 24,948.65 करोड़ है, पर तो कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन केंद्र सरकार का योगदान मौजूदा 4,154.20 करोड़ से बढ़कर 4,643.63 करोड़ हो जाएगा। केंद्र को 489.43 करोड़ रुपये और देने होंगे। मुफ्त सेवाओं की केवल घोषणा करने वाले मुख्यमंत्री केजरीवाल ने राजनीति से प्रेरित होकर अपने हिस्सेदारी की राशि समय से न देकर मेट्रो की योजनाओं को लटाकने का काम किया है। केन्द्र सरकार का अतिरिक्त धनराशि का वहन करना दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाने की ओर एक सकारात्मक कदम है। निजी वाहनों का इस्तेमाल करने से दिल्ली में प्रदूषण कई गुणा बढ़ गया है लेकिन यदि मेट्रो जैसी सुविधाओं का विस्तार होगा तो लोग निजी वाहनों को छोड़कर मेट्रो में सफर करेगें जिससे प्रदूषण का स्तर स्वंय ही कम होने लगेगा। मुख्यमंत्री के पास पर्यावरण सेस के नाम पर 2 हजार करोड़ रूपये की धनराशि पड़ी है लेकिन प्रदूषण को कम करने के लिए उन्होनें इसका प्रयोग नहीं किया। प्रदूषण से प्रभावित हो दिल्ली में लोगों भयंकर बिमारियों का शिकार हो रहे है लेकिन मुख्यमंत्री को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है।