आर्थिक सुस्ती के बीच भारतीयों के ग्रॉसरी खर्च में बढ़ौतरी

आर्थिक सुस्ती के बीच भारतीयों के ग्रॉसरी खर्च में बढ़ौतरी
Spread the love

भारतीय ग्रॉसरी का प्रत्येक घर के हिसाब से खपत का दायरा पिछले कुछ सालों में कम हुआ है। एक अनुमान के मुताबिक इस साल सितंबर तक अगर पिछले 12 साल के आंकड़ों पर गौर करें, तो इस दौरान प्रत्येक घर के ग्रॉसरी बास्केट में औसतन 5 किग्रा की कमी दर्ज की गई है। वहीं इसी दौरान ग्रॉसरी पर होने वाले खर्च में इजाफा दर्ज किया गया है। ग्राहकों ने इस दौरान कई बार खरीदारी की गई है। लेकिन हर बार कम मात्रा में ग्रॉसरी प्रोडक्ट को खरीदा गया है। कम्युनिकेशन एंड एडवरटाइजिंग डब्ल्यूपीपी की ग्लोबल कंज्यूमर रिसर्च फर्म Kantar Worldpanel की रिपोर्ट के मुताबिक ग्राहकों की तरफ से ग्रॉसरी की मात्रा में कमी आर्थिक सुस्ती की वजह से है। फर्म के साउथ एशिया एमडी के राधाकृष्णन ने कहा कि सितंबर 2018 तक औसत बास्केट साइज 222 किग्रा का था, जो कि इस साल सितंबर 2019 तक 3 फीसदी घटकर 217 किग्रा रह गया। वहीं दूसरी तरफ इसी दौरान ग्रॉसरी खर्च 2 फीसदी बढ़कर 14,724 रुपए से बढ़कर 15,015 रुपए हो गया। रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर 2018 से इस साल सितंबर 2019 के दौरान कंज्यूमर ने ब्रांडेड ग्रॉसरी पर ज्यादा खर्च किया है, जबकि अनब्रांडेड ग्रॉसरी की खरीदारी घटी है। इस दौरान ब्रांडेड खाने का तेल, चाय, मसाले, स्नैक्स और आटा की डिमांड में करीब डबल डिजिट की ग्रोथ दर्ज की गई है।

Admin

Admin

9909969099
Right Click Disabled!