कोरोना के चलते इस सेक्टर के दो लाख कर्मचारी हो सकते हैं बेरोजगार
कोरोना वायरस महामारी के कारण बिक्री गिरने से रियल्टी कंपनियों को कर्मचारियों की छंटनी और वेतन में कटौती करना पड़ रहा है। आने वाले महीनों में भी बिक्री सुस्त रहने की आशंका के मद्देनजर ये कंपनियां लागत कम करने के विभिन्न उपायों पर गौर कर रही हैं। विशेषज्ञों ने इसकी जानकारी दी।
तीन-चार सालों से हो रही दिक्कत
विशेषज्ञों के अनुसार रियल एस्टेट क्षेत्र नोटबंदी, रियल एस्टेट नियमन अधिनियम (रेरा), माल एवं सेवा कर (जीएसटी) जैसी नई व्यवस्थाओं को लागू करने से उत्पन्न रुकावटों तथा मंजूरियां मिलने में देरी के कारण पहले ही पिछले तीन-चार साल से दिक्कतों से जूझ रहा है।
कोरोना ने और बढ़ाई परेशानी
इस बीच कोरोना वायरस महामारी ने खरीदारों की धारणा तथा बिक्री को प्रभावित कर रियल एस्टेट क्षेत्र की दिक्कतों को और बढ़ा दिया है। उद्योग जगत के अनुमानों के मुताबिक रियल एस्टेट क्षेत्र में 60-70 लाख लोग कार्यरत हैं, जिनमें तीन लाख सफेदपोश कर्मचारी भी शामिल हैं।
दो लाख कर्मचारियों की नौकरी पर संकट
माय हायरिंग क्लब डॉट कॉम और सरकारी-नौकरी डॉट इंफो के अनुमान के अनुसार, रियल एस्टेट क्षेत्र में लगभग दो लाख कर्मचारियों को कोरोना वायरस संकट के कारण निकाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में अब तक 60 हजार से अधिक लोगों को निकाला जा चुका है।
लागत कम करने पर ध्यान दे रहे डेवलपर्स
परामर्श प्रदान करने वाली कंपनी प्रॉपकंसिलियम इंफ्राटेक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एवं प्रबंध निदेशक (एमडी) राजेश कुमार ने कहा कि, ‘इस क्षेत्र की बिक्री पर एक बड़ा प्रभाव पड़ रहा है। लंबित भुगतानों में चूक की भी आशंकाएं हैं। पहले से ही ज्यादातर डेवलपर्स नकदी की कमी का सामना कर रहे हैं और इसलिए वे अब लागत कम करने पर ध्यान दे रहे हैं। वे इसके लिए छंटनी कर रहे हैं, अपने ऑफिस बंद कर रहे हैं।’