हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को दिए निर्देश
हाईकोर्ट ने कोरोना संक्रमण से मौत के बाद शवों के निपटान संबंधी सुविधाओं के अभाव संबंधी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को कड़ी फटकार लगाई। हाईकोर्ट ने कहा कि शवों को किसी भी हाल में बिना अंतिम संस्कार न लौटाया जाए।
हाईकोर्ट ने मीडिया में प्रकाशित खबरों का संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका शुरू की थी। हाईकोर्ट ने बृहस्पतिवार को दिल्ली सरकार और तीनों नगर निगमों से जवाब मांगा था। मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इन जनहित याचिका पर सुनवाई की।
दिल्ली सरकार ने पीठ को बताया कि बृहस्पतिवार को 28 शवों का अंतिम संस्कार किया गया और बाकी 35 शवों का अंतिम संस्कार शनिवार को किया जाएगा। सरकार ने कहा कि उन शवों का ही अंतिम संस्कार अभी नहीं किया जाएगा, जिनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आनी अभी बाकी है और जांच जारी है।
दिल्ली सरकार ने कहा कि एलएनजेपी अस्पताल के शवों को पंचकुइयां और पंजाबी बाग शवगृह भेजने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार ने अब बिजली और सीएनजी भट्टियों के अलावा लकड़ी के पारंपरिक दाह संस्कारों को अधिकृत कर दिया है, श्मशान और निकायों में सभी श्रमिकों के लिए निजी सुरक्षा उपकरण (पीपीई) दिए गए हैं।
वहीं शवदाह गृहों में कार्य अवधि सुबह सात बजे से रात 10 बजे कर दी गई है। पीठ ने इसके बाद दिल्ली सरकार और तीनों नगर निगम को विस्तृत स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश देते हुए सुनवाई 2 जून को तय कर दी।
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