लॉकडाउन के कारण पैदल ही गांव जा रहे हैं लोग

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वापी : 24 मार्च से लॉकडाउन की घोषणा के बाद से ही पूरे राज्य में धारा 144 लागू की गई है। जिसके तहत कंपनियों समेत सभी काम धंधे बंद हो गए हैं और जरुरत के सामान की बिक्री की जा रही है। ऐसे में राजस्थान, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों के दिहाड़ी मजदूरों की हालत दयनीय हो गई है। सडक़ किनारे या पेड़ के नीचे पड़ाव डालकर रहने वाले इन परिवारों के लिए आज रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। आधी रात को लॉक डाउन की घोषणा होने के कारण सडक़ से लेकर रेल यातायात बंद कर दिया गया है। कुछ दिन किसी तरह गुजारा करने के बाद चाहकर भी यह गांव जाने के लिए इन्हें कोई साधन नहीं मिल पा रहा है।

जिनके यहां काम करते थे उस ठेकेदार ने भी किसी प्रकार की मदद करने से हाथ उठा लिया तो उनके लिए गंाव निकलना मजबूरी बन गई। कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में सबसे ज्यादा राजस्थान के दिहाड़ी मजदूर काम करते हैं। शुरू में 31 मार्च तक लॉक डाउन था लेकिन जब यह बढाकर 14 अप्रेल तक करने पर सभी ने गांव जाना ही मुनासिब माना। लेकिन किसी वाहन की व्यवस्था न होने पर छोटे छोटे समूह मे परिवार के साथ पैदल ही लोग निकल पड़े हैं। जिसके कारण भिलाड से लेकर वलसाड तक हाइवे पर जगह जगह पैदल जाते मजदूर और उनके बच्चे दिख जाते हैं।   रास्ते में कई लोगों द्वारा जिस तरह की मदद दी जा रही है उससे घर जरुर पहुचने की उम्मीद मजदूरों को बंध रही है। सेवाभावी लोगों द्वारा कई जगहों पर इन मजदूरों के लिए रुकने और खाने पीने की व्यवस्था भी की जा रही है।

Admin

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